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पौधरोपण के नाम पर खानापूर्ति,कागजों में सिमटी हरियाली
पौधे धरती का श्रृंगार करने में सहायक, वहीं सरकार की मंशा को पलीता लगा रहे जिम्मेदार

इटियाथोक,गोंडा।विकासखंड में बृहद पौधरोपण अभियान चलाकर कागज पर लाखों पौधों के लगाने का दावा सिर्फ कागजी रह गया है।हकीकत यह है विभागों को रोपण के लिए दिए गए पौधे ग्रो बैग में ही रखे-रखे सूख रहे हैं।इटियाथोक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सैकड़ों पौधे ग्रो बैग में ही कूड़े की तरह उपेक्षित रखे दिखे, उनमें से ज्यादातर सूखने के कगार पर हैं।ऐसे में पौधरोपण अभियान के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है। सरकार द्वारा “आओ हरियाली बचाएं” व वृक्ष रोपकर कीजिए धरती का श्रृंगार जैसे स्लोगन पौधारोपण को प्रोत्साहित करते हैं।वहीं विभिन्न विभागों की ओर से पौधारोपण का दावा भी किया जाता है, जोकि महज कागजों तक ही सीमित रहता है।जमीनी सच्चाई पर गौर करें, तो शत प्रतिशत पौधे रोपे ही नहीं जाते हैं,और जो रोपे भी जाते हैं वे देखरेख के अभाव में पनप नहीं पाते हैं।गुरुवार को कई प्राथमिक विद्यालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बीते वर्ष रोपे गए पौधों की पड़ताल की गई तो महज दस फीसद पौधे ही जीवित मिले।वहीं अस्पताल परिसर में सैकड़ो पौधे बिना रोपित किए ही ग्रो बैग में रखे मिले जो सूख रहे हैं।अगर इनकी ठीक से देखभाल होती तो निश्चित ही यह पौधे धरती का श्रृंगार करने में सहायक बनते।
