पुण्यतिथि पर याद किये गये समाजवादी नेता गोमती प्रसाद यादव
वक्ताओं ने कहा कि हिन्दू-मुस्लिम एकता के अलम्बरदार गोमती बाबू आज के दौर में प्रासंगिक

गोण्डा। समाजवादी नेता गोमती बाबू पुण्यतिथि पर कृतज्ञतापूर्वक याद किये गये। लोगों ने उनके प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें हिन्दू-मुस्लिम एकता का अलम्बरदार बताते हुये उन्हें आज के दौर में प्रासंगिक बताया। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि गोमती बाबू ने आपसी भाई-चारा की जो अलख जगाई थी, उसे आगे बढाने की जरूरत है।
मुख्यालय से करीब 6 किमी दूर हनुमन्तनगर (पाण्डेयपुर बाजार) में, गोमती बाबू की याद में देर शाम को, समाजवादी नेता विन्देष्वरी प्रसाद पाल के संचालन में एक शोक सभा की गई, जिसे सम्बोधित करते पूर्व सपा जिलाध्यक्ष आनन्द स्वरूप उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि गोमती बाबू एक सच्चे सोशलिस्ट लीडर थे। उनके संघर्ष, त्याग और जीवन के बारे में आज की पीढ़ियां भले ही नहीं जानती किन्तु उनके बारे में जितनी ही जानकरी मिली, उन्हें हमेशा याद किया जायेगा। वरिष्ठ समाजवादी नेता सगीर उस्मानी एडवोकेट ने गोमती बाबू के साथ पूर्व विधायक फजलुल बारी उर्फ बन्ने भाई का जिक्र करते बताया कि किसी भी नेता का जन्मदिन, पुण्यतिथि मनाना तभी सार्थक होता है। जब उनके संघर्षाें को जानें और उनके संघर्षाें से कुछ सीखें। चिंता जताया कि आज का माहौल काफी चिन्ताजनक है। आज न केवल राजनीति खतरे में है, न केवल समाजवाद खतरे में है, बल्कि मानवता खतरे में है, इंसानियत खतरे में है और हर आदमी की जान खतरे में है। अधिनायकवाद है। पहले मजबूत विपक्ष की जरूरत होती थी किन्तु अब विपक्ष में बोलने वाले के खिलाफ कार्यवाई होती है। इसे विडम्बना बताया कि जब हमें मौका मिलता हैै, हम उन्हें ले आते हैं, जिन्होंने हमारा शोषण करते हैं। हमें यही समझना होगा। हमें हर स्तर पर समंतवाद, अधिनायकवाद, जातिवाद, सम्प्रदायवाद, का विरोध करना होगा। समाजवादी के अलावा कोई दूसरा संघर्ष नहीं कर सकता। गोमती बाबू के पुण्यतिथि पर सकंल्प लेना होगा कि कि हम उनके रास्तों पर चलकर अपने लोगों को आगे बढ़ायेंगे। उनको नहीं जो हमारे विरोधी होकर भी हम पर राज करते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता खुर्शीद अनवर चांद ने कहा कि आज चुनाव लड़ना जरूरी न हो फिर भी ऐसे लोगों को भाईचारा कायम रखने के लिये आगे आना होगा। यह जिम्मेदारी हमें उठानी पड़ेगी। वरिष्ठ पत्रकार व श्रमजीवी पत्रकार यूनियन जिलाध्यक्ष कैलाशनाथ वर्मा ने गोमती बाबू को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुये कहा कि उनके बारे में कुछ प्रसंग पर प्रकाश डाला। इससे पूर्व समाजसेवी मुजीब अहमद ने अपने पूर्वजों को याद करने पर बल दिया और श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर समाजवादी लोकगायक रामकुमार यादव एक शानदार बिरहा गीत प्रस्तुत किया। सबसे पहले वरिष्ठ समाजवादी नेता नान बाबू यादव एडवोकेट ने गोमती बाबू के बारे में विस्तार से चर्चा की और उनकी मूर्ति लगवाये जाने पर भी जोर दिया। सभा से पहले गोमती बाबू के चित्र का माल्यार्पण कर वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। अन्त में मौसम की विकट परिस्थितियों की चुनौती के बावजूद काफी संख्या में पहुंचे आगंतुकों का आयोजक एस.एन. यादव ने आभार जताया और धन्यावाद ज्ञापित किया। इस मौके पर सपा नेता हरीराम यादव, राम नरेश यादव एडवोकेट, शिव बचन फौजी, अर्जुन यादव, वरिष्ठ पत्रकार ए.आर. उस्मानी, मुखतार अहमद, केदारनाथ चैहान, विजय चैहान, वरूण यादव, मसीउज्जमां, फिरोज नेता, राज कुमार यादव, छोटू नेता, तदबीर नियाजी, पूर्व प्रधान नरेन्द्र यादव, बड़कऊ यादव, सम्मयदीन यादव, शिवकुमार यादव, वीरेन्द्र यादव, सुखराम यादव, सुनील यादव, प्रीतम यादव शिव मूरत यादव, आदित्य यादव, के0 के0 यादव, ऋषि यादव, राम जियावन गौतम, प्रेम यादव, लवकुश यादव, शफकत, अरसलान, शिवम यादव, आकाश यादव, शुभम यादव, खुर्रम, मो0 हारून, अतीक भाई आदि सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।