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आंगनबाड़ी केंद्रों में लटक रहे ताले, सिर्फ रजिस्टर में दर्ज कर लिए हैं बच्चों के नाम
जिम्मेदार उदासीन

इटियाथोक,गोंडा।विकासखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खस्ता है।अधिकांश केंद्रों पर ताले लटक रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण केंद्र कागज पर ही संचालित किए जा रहे हैं।आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चे तो नामांकित हैं, मगर उनकी उपस्थिति न के बराबर है।कस्बा सहित गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों के हालात एक जैसे हैं। ना कोई हकीकत देखने वाला है और ना ही इन पर कोई कार्रवाई करने वाला।शनिवार की सुबह 10:20 बजे ग्राम पंचायत करुवा पारा के परिषदीय विद्यालय के परिसर में बने आंगनबाड़ी केंद्र में ताला लटकता मिला।इस दौरान प्रधान पति अश्वनी मिश्र व पंचायत सचिव योगेश मौजूद रहे।उन्होंने बताया कि केंद्र में 52 बच्चे नामांकित हैं। 11:40 बजे पूरे महा आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद था।ग्रामीणों ने बताया कि यह केंद्र लगभग एक साल से बंद है। इसका ताला कभी नहीं खुलता है। 1:35 बजे बिशुनपुर माफी में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद मिला।
*स्वयं सहायता समूह ने तहस-नहस कर दी व्यवस्था*
आंगनबाड़ी केंद्रों पर तेल, दाल और दूध बच्चों को वितरित करने के लिए आता है। इन सामानों की आपूर्ति की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों को दी गई है। केंद्रों तक पहुंचते-पहुंचते आधा सामान गायब हो जाता है। इससे बच्चों को नियमित रूप से पोषक आहार नहीं मिल पाता है।जिससे बच्चों में केंद्र पर जाने की रुचि नहीं होती है।
*निरीक्षण करने नहीं जाता कोई अधिकारी*
आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करने के लिए ब्लॉकों में सीडीपीओ और मुख्य सेविकाओं की तैनाती की गई है।मगर वह स्वयं घरों से काम करती हैं।इसलिए केंद्र देखने नहीं जाती हैं।शनिवार को क्षेत्र की सीडीपीओ नीतू रावत से केंद्रों का हाल जानने का प्रयास किया गया, मगर उनका फोन नहीं उठा।