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सावन का पहला सोमवार कब है? जानें महत्व

पौराणिक पृथ्वी नाथ मंदिर पर जलाभिषेक को उमड़े श्रद्धालु

 

 

खरगूपुर,गोंडा। सनातन धर्म में सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है।इस पावन महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना की जाती है।साथ ही हर सोमवार को महादेव के निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है।धार्मिक मान्यता है, कि सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं।साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है।ज्योतिषियों की मानें तो सावन के महीने में विधि पूर्वक शिवजी की पूजा करने से अविवाहित युवक और युवतियों की शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।अतः सावन के महीने में उत्सव जैसा माहौल रहता है।

*कब है सावन का पहला सोमवार*

बाबा पृथ्वी नाथ मंदिर के महंत जगदंबा प्रसाद तिवारी के अनुसार चार जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है।वहीं, सावन महीने का समापन 31अगस्त को होगा। इस वर्ष मलमास पड़ने के चलते कुल 59 दिनों का सावन होगा।इसके लिए सावन महीने में कुल आठ सोमवार होंगे।इनमें पहला सोमवार 10 जुलाई को है और अंतिम सोमवार 28 अगस्त को है।

*सावन सोमवार का महत्व*

सनातन धर्म शास्त्रों में निहित है,कि चिरकाल में जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की। साथ ही सावन के महीने में सोमवार का व्रत-उपवास कर विधिवत शिव जी की पूजा की। उनकी कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें मनोवांछित वरदान दिया। कालांतर में सावन सोमवार व्रत के पुण्य-प्रताप से मां पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ।अत: सावन सोमवार का विशेष महत्व है।

*हर-हर महादेव के नारों के बीच जलाभिषेक को उमड़े श्रद्धालु*

खरगूपुर नगर से तीन किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में स्थित पौराणिक पृथ्वीनाथ मंदिर पर हजारों लोगों ने जलाभिषेक किया। यहां पर पांडव भीम द्वारा स्थापित एशिया का सबसे विशाल व प्राचीन शिवलिंग स्थापित है। सोमवार को यहां भोर में ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग गई। चारों तरफ हर-हर महादेव के नारों की गूंज रही।

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