
पर्यावरण प्रेमी चंदन वर्मा ने अपना जन्म दिन केक काटकर नही पौध रोपण कर मनाया। उसने बताया की सर्वप्रथम जन्मदिन केक काटकर जर्मनी में मनाया गया था, वहां लोग बच्चों पर आत्माओं से बचने के लिए एक जगह पर एकत्रित होकर शोर मचाते थे, और यह प्रथा अब धीरे-धीरे अन्य देश में भी फैल गई!
वैसे देखा जाए तो हिंदू रीति रिवाज के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म दिन होता है वह व्यक्ति मंदिर में जाकर पूजन अर्चन करके उज्जवल भविष्य की कामना करता है।
लेकिन यहां चंदन ने पर्यावरण को संरक्षित करने का बेड़ा उठा लिया है और उन्होंने वजीरगंज के ऐतिहासिक धरोहर बारादरी व अपने निज ग्राम भराहापारा के बालेस्वरगंज कस्बे में पौध लगाकर पर्यावरण को संरक्षित करने का संदेश दिया है।
उन्होंने बताया कि जिस प्रकार बीसीसीआई ने आईपीएल के सभी एलिमिनेटर मैच के दौरान हर एक डॉट बॉल पर 500 पौध लगाने की पहल की थी ।
उसी पहल में अगर क्रिकेट के प्रेमी अपने पसंदीदा खिलाड़ी के जन्मदिवस पर एक पौध लगाएं तो अनुमान है,करोड़ों की संख्या में क्रिकेट के फैंस होने के कारण करोड़ों पौध तो वैसे ही लग सकते है और इस पहल की शुरुआत चंदन वर्मा ने स्वयं कर दी है, क्योंकि इनके जन्मदिवस पर महान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का जन्म दिवस भी है तो उन्होंने क्रिकेटर के जन्मदिवस पर पौध लगाकर इस कार्य की शुरुआत कर दी है
इस पहल की सराहना रामसुघर द्विवेदी, ठाकुर अमित सिंह,डा. ओम प्रकाश भारती व अन्य ग्रामीणों ने की है, इस दौरान सुमेधा वर्मा,सोमदत्त मिश्रा,गनेश, किशन सिंह,शिवम दुबे,कौशल वर्मा व इनकी पूरी टीम उपस्थित रही ।।