
इटियाथोक,गोंडा। क्षेत्र के भंड़जोतिया गांव की रहने वाली 30 वर्षीय साजिदा खातून की 13 सितंबर की शाम को दीवार गिर जाने से उसके मलबे के चपेट में आकर मृत्यु हो गई थी।दुर्घटना में मृतका की ढाई माह की दुधमुंही बच्ची हलीमा भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी।खबर है, शनिवार की देर रात को जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान हलीमा ने आखरी सांस ली। रविवार को नायब तहसीलदार अनुराग पांडे व हल्का लेखपाल मैनुद्दीन पीड़ित परिजन के बीच पहुंचे।उन्होंने परिवार के लोगों को ढांढस बंधाते हुए शीघ्र ही सरकारी सहायता राशि दिलाने का आश्वासन दिया है।इटियाथोक थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत अयाह के मजरा गांव भंड़जोतिया में 13 सितंबर की सायं मूक-बधिर साजिदा खातून (30) पत्नी रियाज घर के आंगन में अपने बच्ची को दूध पिला रही थी।अचानक कच्चे मकान की दीवार भर-भराकर गिर पड़ी।जिसके मलबे के नीचे महिला और उसकी ढाई महीने की मासूम बच्ची दब गई।दीवार गिरने की आवाज होने पर आस पड़ोस के लोग एकत्रित हुए।जैसे तैसे मलबे के नीचे दबी महिला व बच्ची को निकाला गया।लेकिन तब तक महिला की मृत्यु हो चुकी थी।
नायब तहसीलदार अनुराग पांडेय ने बताया कि परिवारीजन से मिलकर बताया गया कि यह दुर्घटना दैवी आपदा के तहत आती है।अनुमन्य सहायता आवश्यक कार्रवाई करते हुए उपलब्ध करा दी जाएगी।
*मौत पर मुआवजे का मरहम*

प्रशासन ने इस मामले में मुआवजे का मरहम तो लगाया, परंतु फिर इस तरह की घटना ना हो इस दिशा में कुछ करते नहीं दिखा।गांव के कुछ जानकार लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि समय रहते क्षतिग्रस्त मकान को चिंहित कर लिया जाता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। क्षेत्र के गांवों में आज भी ऐसे कई मकान गिरने की स्थिति में हैं, परंतु उन्हें ले कोई चिंता प्रशासनिक अमले में नहीं दिखती।