जिसके नाम पर पूरे देश में डंका बज रहा है योगा के जनक महर्षि पतांजलि के जन्मभूमि पर हुआ योग
कोंडर पतंजलीपुरम में आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस धूम धाम के साथ सम्पन्न
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गोण्डा मुख्यालय से करीब 30किमी दूर विकासखण्ड वजीरगंज में कोंडर झील के बीच स्थित ग्राम कोंडर पतंजलि पुरम स्थित महर्षि पतंजलि की जन्म भूमि पर प्रातः योगा का आयोजन किया गया।महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली का साक्ष्य धर्मग्रंथों में भी मौजूद है। इस बात का प्रमाण पाणिनि की अष्टाध्यायी महाभाष्य में मिलता है। जिसमें पतंजलि को गोनर्दीय कहा गया है। जिसका अर्थ है गोनर्द का रहने वाला। और गोण्डा जिला गोनर्द का ही अपभ्रंश है। इसी रचना से विश्व को योग के महत्व की जानकारियां प्राप्त हुई।महर्षि पतंजलि अपने आश्रम पर अपने शिष्यों को प्रतिदिन की भांति पर्दे के पीछे से शिक्षा दे रहे थे। किसी ने ऋषि का मुख नहीं देखा था। लेकिन एक शिष्य ने पर्दा हटा कर उन्हें देखना चाहा तो वह सर्पाकार रूप में गायब हो गये। लोगों का मत है की वह कोडर झील होते हुए विलुप्त हो गए। यही कारण है कि आज भी झील का आकार सर्पाकार है।पतंजलि जन्मभूमि न्यास के संस्थापक डॉ स्वामी भागवताचार्य ने बताया कि वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र संघ के अध्यक्ष सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर महर्षि पतंजलि के जन्मस्थली का पर्यटन विकास और अंतरराष्ट्रीय योग विश्वविद्यालय खोलने की मांग सहित पतंजलि संस्कृत विश्वविद्यालय,पतंजली ट्रेन,झील का सौंदर्यीकरण की मांग की है स्थानीय विधायक प्रेम नरायन पांडे के मांग पर योगी सरकार ने पतंजलि जन्मभूमि पर्यटन विकास के लिए एक करोड़ तीस लाख रुपए दिए है। वही ब्लाक प्रमुख मनोज पांडे ने बताया कि विधायक के मांग पर एक करोड़ तीस लाख विकास के लिये प्राप्त हुआ है जिसका टेंडर भी हो चुका है अन्य विकास के लिये प्रयास किया जाएगा।