इटियाथोक,गोंडा। जल से ही जीवन है। जल बिन जीवन संभव नहीं है।वहीं गर्मी में पानी के स्रोतों की उपयोगिता और बढ़ जाती है।तपती धूप में समृद्ध ताल-तलैया, नहरें जीवन दायिनी का काम करती हैं। खेती-किसानी, पेड़-पौधे, जीव-जंतु की निर्भरता इसी पर होती है।वहीं मई माह के भीषण गर्मी में क्षेत्र की सूखी सरयू नहर विभागीय लापरवाही को खुली किताब की तरह उजागर कर रही है।सर्वाधिक प्रभाव पानी के तलाश में इधर-उधर भटक रहे पशु पक्षी और फसलों पर दिखाई पड़ रहा है।
*सरयू नहर खंड-दो और खंड-चार में पानी नहीं*
इटियाथोक विकासखंड से होकर गुजरने वाली सरयू नहर खंड-दो और खंड-चार में पानी नहीं छोड़े जाने से किसानों के समक्ष गन्ने की खेती प्रभावित हो रही है।वहीं बेसहारा पशुओं को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। दोनों नहरों से क्षेत्र में कई माइनर निकली हैं। इन माइनरों पर सैकड़ों गांवों के किसान आधारित हैं।सामान्य व गरीब किसान महंगे दामों में डीजल खरीद कर पंपिंग सेट से खेतों की सिंचाई करने के हालात में नहीं है।किसान ओम प्रकाश कहते हैं कि नहर में पानी नहीं है, पानी छोड़े जाने से लोगों को काफी राहत मिलेगी।किसान शालिक राम पांडे कहते हैं कि पानी के अभाव में इन दिनों पशुओं के लिए हरे चारे बोने की परेशानी बढ़ गई है।वहीं बेसहारा पशु पानी की तलाश में गांवों की ओर रुख कर रहे हैं।इस संदर्भ में विभाग के अवर अभियंता धीरज कुमार का कहना है कि कई जगहों पर पुल निर्माण का काम चल रहा है, इसलिए नहर में पानी छोड़े जाने में विलंब हुआ।एक सप्ताह के भीतर पानी छोड़ दिया जाएगा।