गर्मी में ‘पानी पिलाओ, परिंदा बचाओ’ की अनोखी मुहिम, हर कोई कर रहा इसकी सराहना
भरी गर्मी में ये शख्स बन रहा है पक्षियों की जुबान, बेजुबानों को पानी पिलाने के लिए घर-घर बांट रहा है मिट्टी के कटोरे
गोंडा। जिसकी जैसी सोंच वो वैसी कहानी रखता है, कोई परिंदों के लिए बंदूक, तो कोई परिंदों के लिए पानी रखता है, यह बातें सामाजिक संस्था इंकलाब फाउंडेशन के अध्यक्ष अविनाश सिंह पर सटीक बैठती है। भरी गर्मी में वह पक्षियों को पानी मुहैया कराने के लिए मिट्टी से बने बर्तन बांट रहे हैं और पेड़ों पर मिट्टी के बर्तन रख रहे हैं, ताकि कोई बेजुबान पक्षी पानी के अभाव में दम ना तोड़ दे। इसकी शुरुआत शनिवार को लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय गोंडा के मुख्य नियंता प्रोफेसर आरबी सिंह बघेल ने कॉलेज परिसर से किया। छात्र-छात्राओं से भी अपील किया,कि आप सभी अपने घर पर एक मिट्टी के बर्तन रखकर उसमे दाने और पानी रखे वर्तमान में पेड़ कट रहे हैं तालाबों में पानी भी कम हो गए हैं, अगर पानी है भी तो वह दूषित है जो पक्षियों के पीने योग्य नहीं है, साथ ही इनके रहने के लिए न के बराबर जगह बची है। चिलचिलाती धूप में खुले आसमान तले विचरण के बाद इन्हें अधिक प्यास लगती है। पानी नहीं मिलने के कारण दम तोड़ देते हैं। इनको स्वच्छ व शीतल जल मिल सके इसके लिए जिले के इंकलाब फाउंडेशन के अध्यक्ष अविनाश सिंह अलग की सोंच लिए कार्य कर रहे हैं। वह नगर सहित आस-पास के गांवों में मिट्टी से बने बर्तन बांट रहे हैं जिसकी शुरुआत आज से एलबीएस डिग्री कॉलेज, गायत्री पुरम, विष्णु पुरी कालोनी, बालपुर में किया गया है। इसे देकर वह लोगों से कहते हैं की इसे छत की मुंडेरों,आंगन,बालकनी,या फिर आस पास के पेड़ की टहनियों पर पानी रख अवश्य टांग दें। इनके बर्तन वितरण को देख नगर के अविनाश सिंह, आयुष मिश्रा, मोहित सिन्हा, अनुराग ठाकुर, अंजली पाठक, अजेय विक्रम सिंह, अजय प्रकाश सिंह, आनंद शुक्ला आदि भी अपना सहयोग दे रहे हैं।
*पक्षियों को पानी पिलाने के लिए ऐसे आया मन में विचार*
सामाजिक कार्यकर्ता अविनाश सिंह ने बताया, कि दो साल पहले एक चिड़िया को सड़क के किनारे गिरा हुआ देखा, पहले उसे उड़ाने के लिए प्रयास किया। लेकिन वह नहीं उड़ी इसके बाद पास के एक नल पर ले गया। जहां पानी पीने के कुछ देर बाद चिड़िया उड़ने लगी तभी से मन में आया की इन्हें पानी मिल सके इसके लिए लोगों को मिट्टी का बर्तन उपलब्ध कराऊंगा तभी से यह मुहिम चला रहा हूं।