रमजान का पहला अशरा शुरू, मस्जिदों में तरावीह नमाज का एहतमाम, रमजान को लेकर बाजार मे सजी दुकानें
आज से पहला रमजान शुरू
रमजान का पाक मुकद्दस अशरा सोमवार से शुरू हो रहा है। मंगलवार को पहला रोजा शुरू होगा सोमवार से मस्जिदों में तरावीह की नमाज का सिलसिला शुरू हो जाएगा। पाक मुकद्दस रमजान के महीने में रोजेदार अल्लाह को राजी करने के लिए तकवे और परहेजगारी के साथ अल्लाह के निर्देशों पर अमल शरू कर देते है। यह बातें छोटी मस्जिद इटियाथोक के पेश इमाम मुफ्ती याशिर ने कही। उन्होंने कहा पाक मुद्दस रमजान मे ही पाक किताब कुरआन को अल्लाह ने दुनिया में भेजा था। रमजान ऐसी इबादत है जिसमे हम नेक अमल शुरू कर अल्लाह को राजी कर बुराइयों से दूर होते है। श्रीयाशिर ने बताया अल्लाह ने इस महीने को तीन भागों मे बांटा है। पहला रहमत, दूसरा मगफिरत और तीसरा जहन्नम से आजादी से निजात। उन्होंने बताया कि रमजान मे अल्लाह गुनाह के सभी दरवाजे बंद कर जन्नत के दरवाजे खोल देता है। रमजान में रोजेदार को एक नेकी के बदले खुदा सत्तर नेकी उसके नामे आमाल में दर्ज़ करता है। यह अल्लाह की रहमत और बरकत का महीना है जिसमें बंदा हर बुरी चीजों को छोड़कर अच्छाई पर अमल करना शुरू कर देता है। उन्होंने सभी लोग से कहा कि रमजान में नमाज की पाबंदी के साथ रोजा और तरावीह का एहतराम कर कुरआन की खूब तिलावत कर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी और मुल्क में अमन शान्ति और खुशहाली के लिए अल्लाह के बारगाह में दुआ मांगे जिससे दुनिया के साथ-साथ दीन में भी कामयाबी मिले।
पौष्टिक और शीतल पेय के तौर पर इस्तेमाल होता है खजूर और रूह-ए-अफजा
रमजान में दिनभर रोजेदार रोजा रखने के बाद कमजोरी व थकान को दूर करने के लिए खजूर का इस्तेमाल करते है। रोजेदार रुह-ए-अफजा को पानी की कमी और ठंडक के साथ ही शरबत में प्रयोग करते है। रुह-ए-अफजा का उत्पादन वर्ष 1907 में हकीम हाफिज अब्दुल मजीद ने गाजियाबाद से शुरू किया था। इसका उत्पादन भारत के सभी राज्यों में होता है। रमजान में इसकी मांग गई गुना बढ़ जाती है।
> खाड़ी देशों से आते है खजूर, सजी दुकानें
रमजान शुरू होने के पूर्व बाजार में खजूर की दुकानें सज जाती है। रमजान में रोजा इफ्तार खजूर से ही खोलने का भी हुक्म है। इटियाथोक में खजूर का कारोबार कर रहे हमदान चौधरी ने बताया खाड़ी देश ईरान, इराक, सऊदी अरब, कुवैत से आने वाले खजूर के दामों में बढ़ोतरी होने से बाजार में भी खजूर के दाम बढ़े है। रमजान में खजूर के कई वैरायटी मिलती है। रमजान में अजवा खजूर की डिमांड ज्यादा बढ़ जाती है।
> बाजार में खजूर की कीमत
अजवा 1400 प्रति किलो
मसरूख 600 प्रति किलो
कलमी 800 प्रति किलो
रसीदिया 350 प्रति किलो
सुल्तान 300 प्रति किलो
ब्लैक नाइजीन 300 प्रति किलो
बरारी 130 प्रति किलो
कीमिया 140 प्रति डिब्बा
फर्द 350 प्रति किलो
लिबर्टी 250 प्रति किलो
मजा फाती 250 प्रति किलो
मबरूम 650 प्रति किलो
रूह-ए-अफजा 170 प्रति बोतल