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रुद्र महायज्ञ में कथा सुनने के लिए उमड़े श्रद्धालु
गणेश विवाह की कथा सुन मंत्र मुग्ध हो उठे श्रोता

इटियाथोक,गोंडा। ब्लॉक क्षेत्र के गांव बेलवा करमडीह स्थित सदाशिव मंदिर के प्रांगण में चल रहे रूद्र महायज्ञ के आठवें दिन प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।शिव भक्तों ने हर-हर महादेव के गगन भेदी जयकारों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।कथा व्यास पंडित दाताराम शुक्ल ने भक्तों को भगवान शिव के दोनों पुत्रों कार्तिकेय व गणेश के चरित्र के बारे में विस्तार से बताया।उन्होंने बताया,कि कैसे प्रजापति विश्वरूप की कन्या के साथ भगवान गणेश का विवाह हुआ और रिद्धि से क्षेम और सिद्धि से लाभ नाम के दो पुत्र हुए।तत्पश्चात कथा व्यास श्री शुक्ल ने प्रवचन करते हुए कहा,कि भगवान की कृपा पाने के लिए मन और चरित्र को भगवान के चरणों में समर्पित करना होगा।कथा जीवन जीने की कला को सिखाती है।कथा सुनने से मन को शांति मिलती है।पीड़ा से मुक्ति मिलती है एवं सच्चे सुख का मार्ग प्रशस्त होता है।

उन्होंने कहा,कि कर्म को सबसे बड़े धर्म की संज्ञा दी गई है।भगवान शंकर ने कर्म फल दायक को संरक्षित कर रखा।इस जीवन में अच्छे कर्म कर प्राणी हमेशा के लिए जन्म मृत्यु से मुक्ति पाकर परमधाम को प्राप्त कर सकता है।इसलिए काम क्रोध लोभ मोह का त्याग कर ईश्वर की ओर ध्यान देना चाहिए।मुख्य यजमान केशव राम शुक्ल, केतकी शुक्ला रहे।ननकनू तिवारी, सत्यव्रत ओझा, राधे रमण ओझा, कृपा शंकर शुक्ल, उमाशंकर शुक्ल आदि मौजूद रहे।
