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न स्कूल भवन, न कोई व्यवस्था, अव्यवस्थाओं का अंबार… तो ऐसे कैसे गढ़ेंगे अपना भविष्य स्कूली छात्र?
जर्जर हुआ स्कूल भवन दो किमी दूर जाते बच्चे

इटियाथोक,गोंडा। न स्कूल भवन, न कोई समुचित व्यवस्था और अव्यवस्थाओं का अंबार, ये हकीकत उन दावों की पोल खोलती है जो जनता से किए जाते हैं।वैसे कहा भी जाता है कि दावे हैं दावों का क्या, सच्चाई तो कुछ और ही होती है। यही सच्चाई देश के भविष्य का जीवन अंधकार में डाल देती है। जिले के इटियाथोक विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत गोसेंद्रपुर के मजरे कोल्हुवा गांव में बने पूर्व माध्यमिक विद्यालय की सच्चाई भी ऐसी ही है।जहां महीनों पहले निष्प्रयोज्य घोषित किए गए स्कूल भवन का ध्वस्तीकरण व निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो सका है।

भवन निर्माण न होने की वजह से यहां अध्यनरत 51 छात्र-छात्राओं को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।आलम ये है कि दो किलोमीटर दूर पैदल चलकर प्राथमिक विद्यालय गोसेंद्रपुर में बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं।यही नहीं प्राथमिक स्कूल में भी इन बच्चों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है।यहां मात्र एक ही कमरे में सभी कक्षाओं के 51 बच्चे सिमट कर रह गए हैं। जिसकी वजह से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।शिक्षक शिवकुमार की मानें, तो बीते साल स्कूल जर्जर होने के चलते निष्प्रयोज्य घोषित किया गया था।लेकिन आज तक भवन के ध्वस्तीकरण व उसके निर्माण कार्य के लिए कोई पहल नहीं की गई है। कुछ अभिभावकों ने बताया कि स्कूल का भवन खस्ताहाल होने से बच्चों के साथ किसी अनहोनी का डर सताता रहता था, वहीं प्राथमिक विद्यालय दो किलोमीटर दूर है इसलिए अपने बच्चे का दाखिला प्राइवेट स्कूल में करवाना पड़ा।
