
“देहाती लड़के” बी.ए. तृतीय वर्ष के पाठ्यक्रम में शामिल
गोंडा। माँ पाटेश्वरी देवी विश्वविद्यालय, बलरामपुर ने प्रसिद्ध युवा लेखक शशांक भारतीय की पहली कृति “देहाती लड़के” को बी.ए. तृतीय वर्ष के हिंदी पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया है। लेखक ने यह खुशी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से साझा की।
शशांक भारतीय ने लिखा कि यह उपलब्धि उनके व्यक्तिगत प्रयासों से अधिक पाठकों के प्रेम और सराहना का परिणाम है। पहली किताब होने के बावजूद पाठकों ने इसे बेस्टसेलर बनाया और वरिष्ठ साहित्यकारों तक पहुँचाया। उन्होंने विशेष आभार राजेश ओझा का जताया, जिन्होंने किताब को पाठ्यक्रम में शामिल करवाने की पहल की।
उन्होंने बताया कि इस सत्र में गोंडा के वरिष्ठ लेखक डॉ. सूर्यपाल सिंह की कृति भी पाठ्यक्रम में शामिल की गई है। दोनों रचनाओं के चयन पर लेखक ने कहा कि छात्रों को एक की बजाय दो किताबें पढ़नी होंगी, लेकिन “देहाती लड़के” हल्की-फुल्की और सरल भाषा में लिखी गई है, जिसे छात्र आसानी से पढ़ सकेंगे।
शशांक भारतीय ने प्रो. शैलेंद्र नाथ मिश्र, संयोजक हिंदी अध्ययन मंडल, का भी आभार प्रकट किया ।इस उपलब्धि पर लेखक ने विशेष प्रसन्नता जताई कि उनके ही जिले का प्रसिद्ध एल.बी.एस. कॉलेज, गोंडा, जो इसी विश्वविद्यालय से संबद्ध है, अब इस किताब को अपने पाठ्यक्रम में पढ़ाएगा। शशांक गोंडा जिले के बेलसर क्षेत्र के उमरी बेगमगंज के रहने वाले हैं। इन्होंने प्रारंभिक पढ़ाई आदर्श बाल विद्यापीठ से तथा इसके पश्चात लखनऊ यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। वर्तमान में ये आयकर निरीक्षक के पद पर पुणे में तैनात है।