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फाइलेरिया हो या न हो, सभी करें दवाओं का सेवन: सीएमओ
10 अगस्त से जनपद के 12 ब्लॉकों में चलेगा एमडीए अभियान

गोंडा। जिले में 10 अगस्त से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सामूहिक दवा सेवन अभियान शुरू किया जाएगा। यह अभियान जिले के 12 चिन्हित ब्लॉकों में चलाया जाएगा, जिसमें 28.81 लाख से अधिक लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी। इस अभियान की प्रभावी तैयारियों और जन जागरूकता के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में मीडिया कार्यशाला आयोजित की गई।मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा ने कहा, “फाइलेरिया से मुक्ति केवल चिकित्सा का नहीं, बल्कि जन भागीदारी का विषय है।मीडिया हमारी ताकत है,जब आप हमारे साथ होते हैं, तो यह संदेश जन-जन तक पहुंचता है और जागरूकता का असर कई गुना बढ़ जाता है।”
कार्यक्रम में वीबीडी नोडल अधिकारी डॉ. सी.के. वर्मा ने बताया कि जनपद में वर्तमान में फाइलेरिया (हाथीपांव) के 2,015 और हैड्रोसिल के 154 मरीज पंजीकृत हैं। अभियान के दौरान 2,305 दवा वितरण टीमें घर-घर जाकर दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को दवा खिलाएंगी। यह दवा केवल टीम की निगरानी में ही दी जाएगी, न कि बाद में सेवन के लिए। गर्भवती महिलाओं, गंभीर रोगियों और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं दी जाएगी। अभियान की निगरानी के लिए 385 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं।डॉ. प्रतिभा, विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन, मेडिकल कॉलेज ने कहा, “फाइलेरिया मच्छर से फैलने वाली एक उपेक्षित बीमारी है, जो वर्षों बाद हाथ, पैर या स्तनों में सूजन व हैड्रोसिल जैसे लक्षणों में सामने आती है। इसका कोई इलाज नहीं है, इसलिए रोकथाम ही सबसे सशक्त हथियार है। एमडीए अभियान में जब 65% से अधिक लोग दवा का सेवन करते हैं, तभी संक्रमण की श्रृंखला टूटती है।”कार्यशाला में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सी एच ओ) के नेतृत्व में गठित पीएसपी (पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफॉर्म) की सदस्य एवं फाइलेरिया से पीड़ित बबीता सिंह ने अपनी मार्मिक कहानी साझा करते हुए कहा, “यह बीमारी न केवल शरीर को, बल्कि आत्मविश्वास और जीवन के सपनों को भी तोड़ देती है। सूजे हुए पैरों के कारण आत्मनिर्भर बन पाना बेहद कठिन हो गया है।”
