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दृढ़ इच्छा शक्ति…… और बदल गई किसान की किस्मत, खेती से अब हो रही बंपर कमाई,दूसरों के लिए बने प्रेरणा

कड़ी मेहनत, देखभाल और वैज्ञानिक विधि से खेती के क्षेत्र में बेहतर किया जा सकता है- विनोद उपाध्याय

इटियाथोक,गोंडा। विकासखंड अंतर्गत रमवापुर पंचायत के मजरा गांव मरवटिया  निवासी विनोद कुमार उपाध्याय वैज्ञानिक तकनीक से खेती कर जीवन में बदलाव ला रहे हैं।मेहनत और लगन से वह अपनी तकदीर लिखने में जुटे है।विनोद अपने कड़ी मेहनत के बदौलत चार एकड़ भूमि पर गन्ना के साथ सरसों,आलू, लहसुन,मेथी,प्याज आदि का सहफसली खेती किया था।जिसमें उनको भारी मुनाफा हुआ।अब खेत में गन्ने की फसल लहलहा रही है।इसी कड़ी में एक कदम और आगे विनोद ने ऐसा तरीका अपनाया है जिससे वह साल में दो बार धान की बुवाई कर रहे हैं और अच्छा उत्पादन भी ले रहे हैं। देश तक न्यूज से बातचीत के दौरान प्रगतिशील किसान विनोद उपाध्याय बताते हैं, कि वह पहले पारंपरिक तरीके से धान की खेती करते थे।फिर उन्होंने नई तकनीकी अपनाई और साल में दो बार धान की फसल लगाने लगे।इस तरह अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है।

*क्या है क्वालिफिकेशन?*

विनोद बताते हैं कि बीएससी तक पढ़ाई की है।उसके बाद कुछ ऐसी परिस्थितियां आईं कि घर पर रहकर खेती किसानी शुरू की।इस समय वह वैज्ञानिक तौर तरीके से खेती कर रहे हैं।

*कहां से आया आइडिया*

विनोद उपाध्याय ने कहा,भारतीय कृषि अनुसंधान करनाल (हरियाणा) से उन्हें प्रेरणा मिली।फिर मैंने सोचा क्यों ना हम भी साल में दो बार धान की खेती करें। फिर हमने धान के खेती की शुरुआत की और इससे अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है।

*कब हुई रोपाई*

विनोद उपाध्याय बताते हैं कि 25 मार्च को इसकी नर्सरी डाली थी,और 20 अप्रैल को इसकी रोपाई कराई गई थी।उन्होंने बताया कि मौसमी धान की खेती से इस धान की देखभाल अधिक करनी पड़ती है।इसमें प्रतिदिन पानी देना पड़ता है,क्योंकि गर्मी में इसकी खेती की जाती है इसलिए इसकी देखभाल ज्यादा करनी पड़ती है।

*कितने बीघा में कर रहे हैं खेती*

विनोद उपाध्याय बताते हैं कि चार बीघा में नए तरीके से धान की खेती कर रहे हैं। धान की 1692 पूसा बासमती वैरायटी का धान है।उन्होंने बताया कि इस वैरायटी का काम काफी अच्छा होता है और खाने में भी स्वादिष्ट होता है।पूसा बासमती वैरायटी धान का पैदावार एक एकड़ में लगभग पंद्रह से सोलह कुंतल हो जाता है।(रिपोर्ट नागेश्वर सिंह)

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