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विश्व हिंदू परिषद दुर्गा वाहिनी गोंडा विभाग में रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस मनाया गया

अवध प्रांत गोंडा विभाग के बलरामपुर, गोंडा, और नंदनी नगर जिले की प्रमुख पदाधिकारियो की संयुक्त बैठक  सिंचाई विभाग अतिथि गृह गोंडा में संपन्न हुई

विश्व हिंदू परिषद दुर्गा वाहिनी गोंडा विभाग में रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस मनाया गया

अवध प्रांत गोंडा विभाग के बलरामपुर, गोंडा, और नंदनी नगर जिले की प्रमुख पदाधिकारियो की संयुक्त बैठक  सिंचाई विभाग अतिथि गृह गोंडा में संपन्न हुई।


रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर प्रकाश डालते हुए अवध प्रांत दुर्गा वाहिनी सहसंयोजीका किरन सिंह ने बताया रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 को बांदा जिले की कालिंजर किले में दुर्गा अष्टमी के पवित्र दिन हुआ था।

फल स्वरुप इनका नामकरण वीरांगना दुर्गावती के नाम पर हुआ। पिता कीर्ति सिंह चंदेल की इकलौती संतान दुर्गावती का विवाह गोंडवाना (जबलपुर) के राजा दलपत शाह के साथ संपन्न हुआ था। मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग देने वाली वीरांगना दुर्गावती ने 16 वर्ष तक शासन किया। 51 बार मुगलों से जंग जीतने वाली रानी ने 24 जून 1564 को मुगलों की सेना से घिरने के बाद अपनी ही कटार से अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी स्मृति में भारत सरकार ने 1988 में रानी दुर्गावती के नाम से डाक टिकट जारी किया।


उक्त बलिदान दिवस कार्यक्रम में धर्मेंद्र जी प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख, दुर्गा प्रसाद चतुर्वेदी जी जिला अध्यक्ष, बबलू जी जिला मंत्री, भरत गिरी जी विभाग सह मंत्री, शारदाकांत पांडे जी विभाग संयोजक बजरंग दल, सीमा मिश्रा जी जिला उपाध्यक्ष, आनंद जी सेवा भारती, संदीप यादव जी विजय वर्मा, आनंद जी सह प्रचार प्रचार विभाग, की गरिमामई उपस्थिति सराहनीय रही। डॉ बिमला मिश्रा जी विभाग संरक्षिका राष्ट्र सेविका समिति ने कार्यक्रम की अध्यक्षता किया। जबकि बीनू सिंह जिला संयोजिका दुर्गा वाहिनी गोंडा ने कार्यक्रम का समापन किया।

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