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हरे चारे का प्रबंध नहीं, सूखा भूसा खाकर हांफ रहे ‘गोवंश’

दावा हरे चारे का, मौके पर मिला सूखा भूसा

इटियाथोक,गोंडा।सड़क और खेतों में घूमने वाले बेसहारा गोवंश की हालत सुधरे इसके लिए सरकार ने ब्लॉक क्षेत्र में कई गो-आश्रय स्थल संचालित कराए हैं।लेकिन अनदेखी के कारण इनका बुरा हाल है।वर्तमान में गोशालाओं में हरे चारे का प्रबंध नहीं है,पशु यहां सूखा भूसा वह भी आधे पेट खाकर जिंदा हैं।इस भीषण गर्मी में गोशाला में गोवंश को धूप से बचाने के पर्याप्त प्रबंधों की कमी है।इटियाथोक विकासखंड में छुट्टा गोवंशों को आसरा देने के लिए छह गोशालाएं संचालित हैं।विशुनपुर संगम पंचायत की गोशाला में करीब 180 गोवंश हैं।यहां पशुओं की नाद में सूखा भूसा पड़ा दिखा।कर्मचारी चिंताराम ने बताया हरा चारा नहीं है।अर्जुनपुर में बनी गोशाला में 110 गोवंश मौजूद हैं।यहां जानवरों को सूखा भूसा के साथ पशु आहार भी दिया जा रहा है।हरा चारा उपलब्ध नहीं है।ग्राम प्रधान रामनरेश चौधरी ने बताया कि हरा चारा तैयार करने के लिए परिसर में ही व्यवस्था की जा रही है।कंचनपुर (तिवारी पुरवा) गोशाला में भी 48 पशु मौजूद हैं।गोशाला में पशुओं को सूखा भूसा खाकर ही संतोष करना पड़ रहा है।रानीपुर गोशाला में 102 गोवंश हैं।यहां का सबमर्सिबल करीब दो साल से खराब पड़ा है।प्रधान छम्मी लाल ने बताया कि सबमर्सिबल ठीक कराने के लिए ब्लॉक के अधिकारियों से कई बार कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।थक हार कर किसी तरह पंपसेट का जुगाड़ करके गोवंशों को पीने लिए पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।यहां पर भी हरे चारे का अभाव दिखा लेकिन पर्याप्त मात्रा में दाना चोकर मौजूद मिला।नरौरा भर्रा पुर गोशाला में 124 गोवंश मौजूद हैं।प्रधान हरिशंकर सोनी बताते हैं कि यहां दाना के साथ हरे चारे की भी व्यवस्था है।मामले को लेकर सहायक विकास अधिकारी पंचायत गिरिजेश पटेल के मोबाइल फोन पर संपर्क साधा गया लेकिन उनका फोन नहीं उठा।

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