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आरआरसी सेंटर का निर्माण अधूरा तो कहीं संचालन ठप
लाखों की लागत से बने आरआरसी सेंटर सफेद हाथी हो रहे साबित

इटियाथोक,गोंडा। स्वच्छता अभियान के तहत बने कूड़ा एकत्रीकरण केंद्र के निर्माण से लेकर संचालन में पंचायती राज विभाग के कर्मी से लेकर ग्राम पंचायतें भी रुचि नहीं ले रही हैं। यही नहीं गांवों में घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रीकरण के लिए खरीदे गए ई रिक्शा भी खड़े धूल फांक रहे हैं।विकास खंड इटियाथोक की 85 ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों रुपये खर्च कर करीब डेढ़ वर्ष पहले आरआरसी सेंटर का निर्माण कराया गया था। इसके पीछे उद्देश्य था, कि शहरों की भांति गांवों में भी घर-घर कूड़ा इकट्ठा हो,और उसे अलग-अलग कर निस्तारण कराया जा सके। इसके लिए हर ग्राम पंचायत में कूड़ा एकत्रित करने के लिए वाहन भी खरीदे गए,लेकिन ज्यादातर गांवों में यह संसाधन महज शोपीस बन कर रह गए हैं।यदि आंकड़ों पर गौर करें, तो ग्राम पंचायत सीर बनकट,बगुलही,बेनीपुर, तेलियानी, कुकुरिहा,बिहुरी,रामनगर झिन्ना, सहित 12 ग्राम पंचायतों में अभी तक केंद्रों का निर्माण ही नहीं पूरा कराया जा सका है।जब कि बस्ती ग्राम पंचायत में भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण केंद्र निर्माण नहीं कराया जा सका है। शेष 72 ग्राम पंचायतों में केंद्र बनने के बाद भी अभी तक संचालन नहीं हुआ।बताया जाता है कई बार इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने संबंधित सचिव व प्रधानों को कहा लेकिन हालात में कोई परिवर्तन नहीं आया। खंड प्रेरक राम जन्म वर्मा ने बताया कि धन अभाव के चलते 12 ग्राम पंचायतों में एकत्रीकरण केंद्रो का निर्माण नहीं हो सका है।वहीं सहायक विकास अधिकारी पंचायत गिरिजेश पटेल का कहना है कि कूड़ा एकत्रीकरण केंद्रों के संचालन के लिए कार्रवाई के साथ प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।