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रुद्र महायज्ञ के नौवें दिन राम-केवट संवाद की सुनाई कथा 

कथा के नौवें दिन राम केवट संवाद का प्रसंग

इटियाथोक। इटियाथोक क्षेत्र के ग्राम पंचायत पारासराय स्थित चतुर्भुज मंदिर में चल रहे  ग्यारह दिवसीय रुद्र महायज्ञ एवं संगीतमय रामकथा के नौवें दिन कथा प्रवाचिका साध्वी अंजली शास्त्री ने राम केवट संवाद कथा की मनोहारी व्याख्या किया।उन्होंने कहा कि जब आप दूसरे की मर्यादा को सुरक्षित रखेंगे,तभी आपकी मर्यादा सुरक्षित रह सकेगी।भगवान राम चौदह वर्ष वनवास के लिए सीता और लक्ष्मण के साथ गंगा घाट पर पहुंचे और केवट से नाव मांगा तो केवट ने कहा, मैं तुम्हारे मर्म जान लिया हूं,चरण कमलों की धूल के लिए सब लोग कहते हैं,वह मनुष्य बना देने वाली कोई जड़ी है।पहले पांव धुलवाओ फिर नाव पर चढ़ाऊंगा।कथा प्रवाचिका अंजली शास्त्री ने कहा कि जिससे पूरी दुनिया मांगती है, आज गंगा पार जाने के लिए दूसरे से मदद मांग रहे हैं, जो सारे सृष्टि को तीन पग में नाप सकता है, क्या वह पैदल गंगा नहीं पार कर सकता।भगवान दूसरों की मर्यादा को समझते हैं, वैसे ही घाट की एक मर्यादा होती है।

भगवान केवट के पास इसलिए आए, कि वह हम लोगों से कहना चाहते हैं कि हम लोग बहुत बड़े बड़े लोगों के दरवाजे पर उनके सुख-दुख में जाते रहते हैं।भगवान कहना चाहते हैं कि हमें कभी छोटे लोगों के यहां भी जाना चाहिए।राम केवट कथा सुनने से हमें यह सीख लेनी चाहिए। कथा को भाव व प्रेम से सुनने वाले ही ज्ञान प्राप्त करते हैं।रामायण का मुख्य रस करुण वास्तव में हृदय में करुणा आ जाए तो वीरता और पराक्रम की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।डॉक्टर करुणा पति त्रिपाठी,ओम कुमार शुक्ल,संजय त्रिपाठी,धीरेंद्र मिश्र,ओपी शुक्ल,संजय तिवारी, रघु नंदन तिवारी, अभिमन्यु शुक्ल,अनुराग त्रिपाठी, धर्मेंद्र त्रिपाठी अशोक तिवारी आदि मौजूद रहे।

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