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सात साल से 30 शैय्या महिला अस्पताल शुरू होने का इंतजार

स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा सिर्फ हवा-हवाई, इलाज के इंतजाम 'बीमार'

इटियाथोक,गोंडा। सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा कर रही हो,परंतु हकीकत में इलाज के इंतजाम खुद ‘बीमार’ हैं।इटियाथोक में महिलाओं के उपचार की सुविधा के लिए बनाया गया 30 शैय्या अस्पताल इसका उदाहरण है।भवन बनने के बाद सात साल से अस्पताल शुरू होने का ही इंतजार है।जिम्मेदारों की अनदेखी से भवन अब जर्जर होते जा रहे हैं।पूर्व की सपा सरकार ने इटियाथोक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में 30 शैय्या महिला अस्पताल का भवन बनाने को मंजूरी दी थी।करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत का यह भवन 2017 में बनकर तैयार होने के बाद वह स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था।अस्पताल में जटिल प्रसव कराने के लिए आपरेशन थियेटर, लेबर रूम, इमरजेंसी, वेटिंग रूम, पैथालोजी आदि के कक्ष बने हुए हैं।पेयजल और प्रसाधन की सुविधा के लिए भी निर्माण हुआ है,परंतु हस्तांतरण के इस सुविधा को संचालित करने की सुधि न तो स्वास्थ्य विभाग ने ली और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने इसके लिए कोई पहल की।अस्पताल में स्टाफ की तैनाती ही नहीं की गई।ऐसे में महिला अस्पताल सफेद हाथी साबित हो रहा है।भवन के खिड़की-दरवाजे धीरे-धीरे टूट रहे हैं।भवन जगह-जगह से जर्जर होने लगा है।अस्पताल संचालित न होने से सबसे ज्यादा परेशानी क्षेत्रीय गर्भवती महिलाओं को हो रही है।
उन्हें उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है।उनके सामने निजी अस्पतालों में जाने की मजबूरी है।क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अस्पताल शुरू कराने के लिए कई बार मांग उठाई जा चुकी है,परंतु इसके लिए किसी ने प्रयास नहीं किया।इस संबंध में इटियाथोक सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुनील कुमार ने बताया कि महिला अस्पताल में स्टाफ की तैनाती के संबंध में लिखा पढी की जाएगी।शासन से अनुमति के बाद अस्पताल शुरू कराया जाएगा।

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