डूबते सूर्य को ब्रती महिलाओं ने दिया अर्घ्य,सुख समृद्धि का मंगा आशीर्वाद
सुरक्षा के मद्देनजर प्रभारी निरीक्षक शेष मणि पांडे पुलिस फोर्स के साथ मुस्तैद रहे
इटियाथोक,गोंडा। छठ महापर्व पर गुरुवार की शाम व्रती महिलाओं ने अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया।माना जाता है,कि इस व्रत को करने वाली स्त्रियां धन धान्य, पति-पुत्र तथा सुख समृद्धि से परिपूर्ण रहती हैं।शुक्रवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर महिलाएं अपना व्रत पूरा करेंगी।इटियाथोक कस्बा स्थित बिसुही नदी के तट पर बने घाट पर महिलाएं अपने परिजनों के साथ गीत गाती पहुंचीं।यहां पहले छठी मइया की पूजा की।इसके बाद पानी में घुटनों तक खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।किंवदंतियों के अनुसार,छठ पूजा का प्रारंभ महाभारत काल में कुंती द्वारा सूर्य की आराधना व पुत्र कर्ण के जन्म के समय से हुआ था।मान्यता है,कि छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए जीवन के महत्वपूर्ण अवयवों में सूर्य व जल की महत्ता को मानते हुए भगवान भास्कर की आराधना करते हुए मां गंगा-यमुना या किसी भी पवित्र नदी या पोखर (तालाब) के किनारे यह पूजा की जाती है।
इस व्रत को करने वाली महिलाएं पंचमी को एक बार नमक रहित भोजन करती हैं,षष्ठी को निर्जला व्रत के बाद अस्त होते हुए सूर्य को विधिपूर्वक पूजा करके अर्घ्य देती हैं।सप्तमी को ऊषाकाल में नदी या तालाब पर जाकर स्नान करती हैं और सूर्योदय होते ही अर्घ्य देकर जल ग्रहण करके व्रत पारायण करती हैं।बिसुही नदी किनारे स्थित छठ मैया पूजा स्थल पर खंड विकास अधिकारी सत्य प्रकाश पांडे व सहायक विकास अधिकारी पंचायत गिरिजेश पटेल के निर्देश पर पहली बार बेहतर साफ सफाई कराई गई।ग्राम प्रधान अशोक वर्मा का भी उत्तम योगदान व सराहनीय प्रयास रहा।पिंटू सोनी,राजेश सोनी,लक्ष्मण सोनी आदि मौजूद रहे।