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गांव के सचिवालय का हाल,बिना प्रयोग भवन बदहाल
15 लाख से अधिक की लागत से सचिवालय भवन का निर्माण हुआ,जो बिना ग्राम सभा के प्रयोग के ही खंडहर में तब्दील होता जा रहा है

इटियाथोक,गोंडा।सरकारी योजनाएं ऐसा मजाक बनती जा रही हैं,जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर इटियाथोक विकासखंड के ग्राम गोसेंद्रपुर में बना ग्रामीण सचिवालय देखा जा सकता है।यहां करीब पंद्रह लाख से अधिक की लागत से सचिवालय भवन का निर्माण हुआ जो बिना ग्राम सभा के प्रयोग के ही खंडहर का रूप लेता जा रहा है। स्थिति यह है कि टूट रही बाउंड्री वाल की ईंट समेत दरवाजा,खिड़की सभी गायब होते जा रहे हैं,इसके बाद भी इसका कोई पुरसाहाल नहीं है।करीब एक दशक पूर्व उक्त ग्राम पंचायत में मिनी सचिवालय भवन का निर्माण कराया गया है जो वर्तमान में अपनी बदहाली की दास्तान खुद बयान कर रहा है।ग्रामीणों की मानें तो कार्यदाई संस्था द्वारा इस भवन में शुरूआती दौर से ही निर्माण कार्य में मानक की जमकर अनदेखी की गई, मगर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया, अब हालत यह है कि बिल्डिंग की बाउंड्री कई जगह टूट कर ध्वस्त हो गयी है, खिड़की, दरवाजे भी टूट कर गायब हो रहे है, जगह-जगह प्लास्टर गिरने लगा है।

रखरखाव के अभाव के चलते भवन इन दिनों आवारा पशुओं का अड्डा बना हुआ है। इसके बाद भी किसी जिम्मेदार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।सहायक विकास अधिकारी पंचायत गिरिजेश पटेल ने बताया कि भवन ग्राम सभा को हस्तांतरित ही नहीं किया गया है।ग्रामीणों ने प्रशासन से सचिवालय की स्थिति सुदृढ़ कराने के साथ इसे प्रयोग में लाने की मांग की है।