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सफाई कर्मी बिना किट कर रहे गांवों की सफाई
सफाई कर्मियों के पास सुरक्षा किट नहीं, कैसे हो गांव की साफ सफाई
इटियाथोक, गोंडा।सफाई कर्मियों की भारी भरकम फौज भी गांवों की गंदगी दूर करने में अक्षम है।उनके पास सफाई किट ही नहीं है।वह गांवों की गंदगी साफ कैसे करें। 131 राजस्व गांव वाले इटियाथोक विकासखंड में 127 सफाई कर्मी तैनात हैं।चार राजस्व गांवों में सफाई कर्मी तैनात नहीं हैं।सफाई कर्मियों की मानें तो नियुक्ति के बाद वर्ष 2009-2010 में इन्हें किट जिला मुख्यालय से दी गई थी। करीब डेढ़ दशक पहले दी गई किट का कोई पता नहीं है।ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मी तैनात जरूर हैं, किंतु संसाधनों के अभाव में अपनी काम को सही अंजाम नहीं दे पा रहे हैं।ग्राम पंचायतों द्वारा सफाई किट की व्यवस्था नहीं किया गया है।जहां इनके पास सफाई से संबंधित संसाधन होने चाहिए।वहीं मात्र एक झाड़ू से ही काम चला रहे हैं।शायद क्षेत्र की किसी ग्राम सभा मे कूड़ा उठाने के लिए सफाई कर्मी के पास ठेला हो।साबुन,फिनायल व ब्लीचिंग पाउडर इन्हें हर महीने मिलना चाहिए।विभाग ने कभी यह नहीं सोचा कि 15 वर्ष पहले दिया गया साबुन,फिनायल व ब्लीचिंग पाउडर एवं तौलिया आज है या नहीं।इतने के बाद भी सफाई कर्मियों से गांवों की सफाई का भरोसा किया जा रहा है।
*होती है सफाई किट*
इस किट में फावड़ा, झाड़ू,ताला, ठेला, साबुन, तौलिया, फिनायल व ब्लीचिंग पाउडर जैसी वस्तुएं शामिल हैं।
*पंचायतों को करनी है व्यवस्था*
सफाई कर्मियों के पास सदैव मौजूद रहने वाले सफाई किट न होने पर उनकी नियुक्ति वाली ग्राम पंचायत को उसकी व्यवस्था करने का प्राविधान है। 131 सफाई कर्मियों में दो चार को छोड़ दें तो पंचायतों ने इन्हें कोई किट उपलब्ध नहीं कराया है।सफाई के नाम पर प्रति वर्ष हजारों रुपये खर्च किया जाता है।इसके बाद भी सफाई कर्मी निहत्थे हैं।
*यहां नहीं है सफाई कर्मी*
विकासखंड के बिरमापुर, कंचनपुर, इटियाथोक,पूरे लेदई गांवों में सफाई कर्मी नियुक्त नहीं हैं।
*क्या कहते हैं जिम्मेदार*
सहायक विकास अधिकारी पंचायत गिरिजेश पटेल बताते हैं कि इस संबंध में जानकारी हासिल कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।