काटे जा रहे हरे पेड़, वन विभाग व पुलिस बने हैं अनजान
क्षेत्र के आरा मिलों पर धड़ल्ले से काटकर लाए जा रहे प्रतिबंधित पेड़
इटियाथोक,गोंडा। थाना क्षेत्र में पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से हरे नीम और सागौन के पेड़ों का कटान लकड़ी माफिया धड़ल्ले से कर रहे हैं। पर्यावरण की शुद्धता के लिए विशालकाय हरे पेड़ों का होना आवश्यक बताया जा रहा है। यह बात आज नहीं प्राचीन काल से कही और मानी जा रही है। कहा जाता है,कि जब आज की तरह आने जाने के उपयुक्त साधन नहीं थे। उसे समय इन्हीं विशालकाय हरे-भरे पेड़ पौधों से सुसज्जित बगीचों तथा घने पेड़ों की छाया में पथिक विश्राम करके अपनी थकान दूर कर लिया करते थे। इतना ही नहीं जलाने के लिए लकड़ी, खाने के लिए फल और सांस लेने के लिए शुद्ध हवा इन्हीं हरे भरे पेड़ों से मनुष्य तथा अन्य जीव धारियों को मिलती रही है।आज धन के लालच में धरा का श्रृंगार कहे जाने वाले इन हरे भरे पेड़ों को माफिया वन विभाग के अधिकारियों की साठगांठ से लगातार काटकर उसका श्रृंगार उजाड़ते जा रहे हैं। हरे भरे पेड़ पौधों से हमारी धरती आच्छादित रहे। जिससे पर्यावरण की शुद्धता बनी रहे। इस आशा से सरकार प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का बजट पौधरोपण के काम में खर्च करती है। पौधरोपण होता है, लेकिन उसमें कितने पौधे जीवित रहते हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है। लगाए गए पौधों में से अधिकांश पौधे पानी तथा देखभाल के अभाव में समय से पहले ही सूख जाते हैं। और इस तरह पौधारोपण का फर्जी आंकड़ा बना कर केवल कागजों पर खाना पूर्ति करके शासन को भेज दिया जाता है।
जबकि हकीकत इसके बिलकुल विपरीत होती है। खैर जो भी हो नए पौधे भले ही भ्रष्टाचार तथा लापरवाही की भेंट चढ़कर फलने फूलने से पहले ही समाप्त हो जाएं। यह अलग बात है, किंतु वह विशालकाय प्रतिबंधित हरे पेड़ जो पूरी तरह फल फूल रहे हैं। उन्हें वन विभाग की मिली भगत के चलते लगातार लकड़ी माफिया काट कर आरा मशीनों पर ला रहे हैं।जिसका ताजा उदाहरण क्षेत्र के कलेना चौराहा स्थित गन्ना क्रय केंद्र के थोड़ा पहले प्रतिबंधित नीम और सागौन के कई पेड़ काटकर धराशाई कर दिए गए। यह काम इतना छुप कर भी नहीं किया जा सकता कि सड़क मार्ग से वन विभाग तथा पुलिस इन्हें आता हुआ भी ना देख पाती हो वैसे बहाना चाहे कुछ भी हो लेकिन इतना तो सत्य है कि वन विभाग के अधिकारियों की धनलोलुपता ही इन विशालकाय हरे भरे पेड़ों पर और चलवाने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है।