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हौंसले के पंख से ‘उड़ान’ भरने को तैयार भीखम पुरवा की अनामिका मिश्रा

अनामिका ने आठ मिनट में मैक्सिमम पुश अप ए फीमेल किट का खिताब अपने नाम किया है, 240 पुश अप लगाकर गोण्डा की इस बेटी ने अब अपना नाम इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल कराने की दावेदारी पेश की है

रिपोर्ट-नागेश्वर सिंह

…………. फाइल फोटो, अनामिका  मिश्रा……………

इटियाथोक,गोंडा। मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं,जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसले से उड़ान होती है।आशय स्पष्ट है कि भले ही कितनी मुश्किलें क्यों न आएं पर इरादे मजबूत हों तो बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।जिले के इटियाथोक विकासखंड के ग्राम पंचायत अहिरौलिया के मजरा गांव भीखम पुरवा के रहने वाले शिक्षक मनोज मिश्र की कहानी तो यही कहती है।

*जी हां यहां की एक नहीं दो नहीं बल्कि पांच छात्राएं इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होंगी*

भीखम पुरवा गांव के प्राथमिक विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा एक की छात्रा अनामिका मिश्रा ने महज छह साल की छोटी सी उम्र में वह कर दिखाया है,जिसकी लोग परिकल्पना भी नहीं कर सकते।अनामिका ने आठ मिनट में मैक्सिमम पुश अप ए फीमेल किट का खिताब अपने नाम किया है 240 पुश अप लगाकर गोण्डा की इस बेटी ने अब अपना नाम इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल कराने की दावेदारी पेश कर दी है।बता दें कि अब तक कई कीर्तिमान हासिल कर चुकी व गूगल गर्ल के नाम से चर्चित अंशिका मिश्रा की सबसे छोटी बहन अनामिका है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज मिश्र ने बताया कि अनामिका का पुश अप वीडियो 250 पुश अप का सारे वैध दस्तावेजों के साथ इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रधान कार्यालय फरीदाबाद हरियाणा भेजा गया था। जहां से गुरुवार को मेल द्वारा रिकार्ड दर्ज करने की सहमति देते हुए बधाई दी गयी है। हालांकि बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम ने पुश अप काउंटिंग 240 माना।

………. प्राथमिक विद्यालय भीखम पुरवा………

विदित हो विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग मेधा का परिचय देते हुए विद्यालय से गूगल गर्ल अंशिका मिश्रा के साथ-साथ सुप्रिया वर्मा, काजल व बबली पूर्व में अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज करा चुकी है और अब विद्यालय से एक और छात्रा अनामिका का नाम दर्ज होने जा रहा है।छात्रा अनामिका के प्रधानाध्यापक पिता मनोज मिश्र ने बताया कि बिटिया की ललक ओलंपिक खेलों में भाग लेने की है और उसी की नियमित तैयारी हमारी निगरानी में कर रही है उसका जो जुनून है वह काबिले तारीफ है। साथ ही यह भी कहा कि अंशिका को वह अपना आदर्श मानती है और उसी से इसको प्रेरणा मिली है।

*मेडल की फोटो ने बदला अनामिका का जीवन*

……… फाइल फोटो, मनोज मिश्र, प्रधानाध्यापक…..

मनोज मिश्र बताते हैं कि बड़ी बहन अंशिका के मेडल्स के फोटो को छोटी उम्र से ही अनामिका निहारती रहती थी और बार बार यह प्रश्न करती कि हमें भी मेडल चाहिए वह भी इससे ज्यादा।सोशल साइट्स से ओलंपिक के प्रति अनामिका के मन में जिज्ञासा उत्पन्न हुई और फिर उसने ठाना है कि चीन को पीछे करके देश के लिए गोल्ड मेडल हासिल करना है।

*खान पान व दिनचर्या है बेहद संयमित*

अनामिका बाहर की कोई पैकेट वाली वस्तु,तली भुनी चीजें, चीनी,चावल आलू आदि से काफी दूर है अधिकांशतः जैविक सब्जियों व फलों तथा सूखे मेवे पर निर्भर है।करेले का जूस, महुआ और दूध भी इसकी डाइट में शामिल है।तुलसी व हल्दी का काढ़ा भी इस्तेमाल करती है।अनामिका बिना रुके 10 किलोमीटर दौड़ लगाती है।बिटिया का वजन 17 किलोग्राम है। यह 40 किलोग्राम का वजन उठाने में सक्षम है।श्री मिश्र ने बताया कि क्षेत्र के लोगों ने सराहना करते हुए बधाई दी है।

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