चतुर्भुज नाथ मंदिर में दूसरे दिन श्री शिव महापुराण कथा में सुनाया सती जन्म का प्रसंग
सती जन्म की कथा सुन मंत्र मुग्ध हुए श्रोता
इटियाथोक,गोंडा। क्षेत्र के चतुर्भुजी नाथ मंदिर ग्राम महादेवा कला जयप्रभा ग्राम में आयोजित हो रहे श्री शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन की कथा में डॉ रामविलास दास वेदांती ने दक्ष प्रजापति के घर सती के प्राकट्य की अनुपम कथा कही। स्वामी जी ने कहा दक्ष प्रजापति की सभी पुत्रियां गुणवान थीं।फिर भी दक्ष के मन में संतोष नहीं था।वे चाहते थे कि उनके घर में एक ऐसी पुत्री का जन्म हो जो सर्व शक्ति संपन्न एवं सर्व विजयी हो।वे ऐसी पुत्री के लिए तप करने लगे।तप करते-करते अधिक दिन बीत गए तो भगवती आद्या ने प्रकट होकर कहा कि मैं तुम्हारे तप से प्रसन्न हूं।दक्ष ने तप करने का कारण बताया तो मां बोली मैं स्वयं पुत्री रूप में तुम्हारे यहां जन्म धारण करुंगी।मेरा नाम होगा सती और मैं सती के रूप में जन्म लेकर अपनी लीलाओं का विस्तार करुंगी।
भगवती आद्या ने सती रूप में दक्ष के यहां जन्म लिया और वो सभी पुत्रियों में सबसे अलौकिक थी।बाल्य अवस्था में ही ऐसे अलौकिक आश्चर्य चकित करने वाले कार्य कर दिखाए कि जिन्हें देखकर स्वयं दक्ष को भी आश्चर्य हुआ।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संयोजक पीठाधीश्वर संत राघवेश दास वेदांती, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह अश्विनी,वरिष्ठ भाजपा नेता राम कृपाल शुक्ल, साधू मिश्र,मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष रामानंद तिवारी, संतोष शुक्ल,बृजमोहन मिश्र, राम बनारस शुक्ल, मंशाराम तिवारी,बच्चन बाबू तिवारी, विजय शुक्ल,पूर्व जिला पंचायत सदस्य गंगाराम यादव,रोहिणी नन्दन पाण्डेय, इन्द्र देव पाण्डेय, अखिलेश्वर चतुर्वेदी, अनिरुद्ध कुमार चतुर्वेदी मौजूद रहे।