जेसीबी मशीन लगाकर प्रधान छीन रहे मजदूरों का हक
मनरेगा मजदूरों को सौ दिन का रोजगार कैसे मिले ? जब जेसीबी मशीन लगाकर ग्राम प्रधान उनके हक पर डाका डाल रहे
खरगूपुर,गोंडा। मनरेगा मजदूरों को सौ दिन का रोजगार कैसे मिले।जब जेसीबी मशीन लगाकर ग्राम प्रधान उनके हक पर डाका डाल रहे हैं। जिम्मेदार भी केवल जवाबी कार्रवाई करने तक ही सीमित रह जाते हैं। मामला शांत होते ही आईडी व एस्टीमेट तैयार कर भुगतान हो जाता है।दोषियों पर यदि कार्रवाई हो तो शायद मनरेगा के इस खेल पर लगाम लग सके।रुपईडीह विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत फतेहगढ के मजरा गांव पटखौली में लल्लन यादव के घर से टीपी यादव के घर तक चक मार्ग पर मिट्टी पटाई का कार्य किया जाना था। ग्रामीणों का आरोप है कि मनरेगा मजदूरों की जगह पर जेसीबी मशीन लगाकर प्रधान द्वारा चक मार्ग पर मिट्टी पटाई का काम कराया जा रहा है।जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने खंड विकास अधिकारी सहित जिले के उच्च अधिकारियों से की है। ग्रामीणों का कहना है, कि मनरेगा मजदूर रोजगार के लिए भटक रहे हैं और मशीन लगाकर उनके हक को छीना जा रहा है। यही वजह है गिनती के ही मजदूरों को वर्षभर में सौ दिन का काम मिल पाता है। मनरेगा में खेल करने के लिए पहले ग्राम प्रधान जेसीबी मशीन लगाकर कार्य कराते हैं। इसके बाद ब्लाक के जिम्मेदारों की मिलीभगत से ग्राम प्रधान आइडी व एस्टीमेट तैयार करा लेते हैं। बाद में अपने चहेतों को मजदूर दिखा कर खाते में भुगतान करा लेते हैं। कार्य के दौरान विरोध होने पर ब्लाक के जिम्मेदार कार्य की स्वीकृति न होने तथा श्रमदान घोषित करने की बात कह कर किनारा कस लेते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ जेसीबी मशीन लगाकर मजदूरों के हक को छीना जा रहा है तो दूसरी तरफ सरकारी धन की बर्बादी हो रही है।खंड विकास अधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि स्थलीय जांच के लिए एपीओ और एडीओ आईएसबी को गांव में भेजा जा रहा है।