फर्जी अधिकारी और पत्रकार बनकर करते थे वसूली, तीन आरोपियों को पुलिस ने दबोचा
गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार, पुलिस के हाथ लगी बड़ी सफलता
गोंडा। 23 मई को भांग दुकान के सेल्समैन कौशल कुमार पुत्र रामनोहर द्वारा मनकापुर कोतवाली पलिस को लिखित सूचना दी गई, कि दोपहर साढ़े तीन बजे तीन व्यक्ति आकर खुद को नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी बताते हुए दुकान चेक करने लगे।उनका परिचय पूछा गया तो नाराज होकर बोलने लगे तुम्हारा चालान कर दूंगा।धमकी देते हुए उसे मारने पीटने लगे तथा काउंटर में रखे नौ हजार रुपये छीन लिये।जब उसने विरोध किया तो गाली गुप्ता देते हुए बोले कि प्रतिमाह दस हजार रूपये देते रहना तभी तुम्हारी दुकान चलेगी।शिकायत के आधार पर पुलिस ने विशाल गुप्ता व दो अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया।इसी कड़ी में थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के खोरंहसा बाजार स्थित लाइसेंसी भांग की दुकान से नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी बताते हुए आरोपितों ने दुकान से पांच हजार रूपये छीन लिये।
जिसके सम्बन्ध में स्थानीय पुलिस ने विशाल गुप्ता व दो अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज किया था।दोनों घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित किया था।जांच कर रही पुलिस टीम द्वारा सीसीटीवी फुटेज, अन्य तकनीकी व मैनुअल साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गई। इसी क्रम में पुलिस ने मंगलवार को घटना का खुलासा करते हुए मझारा गांव निवासी आरोपित विशाल गुप्ता पुत्र नत्थू गुप्ता व अमन शुक्ला पुत्र संतोष कुमार शुक्ला निवासी गांव नौबस्ता थाना वजीरगंज व मनीष मौर्य पुत्र कृष्ण कुमार मौर्य निवासी ग्राम बेनीपुर बहुता थाना इटियाथोक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपितों के पास से लूट के नौ हजार पांच सौ रूपये नकद, कूट रचित परिचय पत्र (ड्रग इंस्पेक्टर , नारकोटिक्स डिपार्टमेंट), तीन मोबाइल व घटना में शामिल अपाचे मोटर साइकिल बरामद किया है।पुलिस द्वारा आरोपितों से पूछ-ताछ के दौरान पता चला कि इन लोगो का एक संगठित गिरोह है।जो आर्थिक लाभ कमाने के लिए फर्जी पत्रकार, नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी बनकर व अन्य तरीके अपनाकर व्यापारियों को डरा धमका कर धन उगाही की घटनाओं को अंजाम दिया करते थे।गौरतलब है कि जिले में इस तरह विभिन्न विभागों के फर्जी अधिकारी बनकर बदमाशों की हरकतें लंबे समय से जारी हैं।