गोंडा-बलरामपुर सीमा का वो गांव…… जनप्रतिनिधि बदले पर नहीं बदली गांव की सूरत, एक जुगाड़ ही सहारा
आजादी के 77 वर्षों बाद भी नहीं बदली गांव की सूरत
इटियाथोक,गोंडा। इक्कीसवीं सदी में लोग हाईटेक युग में जी रहे हैं, शहर से लेकर कई गांवों तक भी मोबाइल और इंटरनेट जैसी आधुनिक सुविधाओं की पहुंच हो चुकी हैं, लेकिन जिले के आखिरी छोर पर बसे गांव लक्ष्मणपुर लाल नगर के लोगों को बुनियादी सुविधा नहीं है। इटियाथोक विकासखंड अंतर्गत गांव पंचायत लक्ष्मणपुर लाल नगर सहित आस-पास बसे दर्जनों गांवों के ग्रामीणों की दुश्वारियां आजादी के 77 वर्ष बाद भी कम होने का नाम नहीं ले रही है।यहां के ग्रामीण गांव से सटे कुआंनों नदी पर एक अदद पुल के निर्माण की मांग कई वर्षों से कर रहे हैं।पुल का निर्माण ना होने से ग्रामीणों को बरसात के दिनों में जान जोखिम में डालकर जुगाड़ के पुल से नदी पार करना पड़ता है।
*बरसात के दिनों में काफी होती है परेशानी*
इटियाथोक विकासखंड के अंतिम छोर पर बसे करीब एक दर्जन गांव के हजारों लोगों को प्रतिदिन बलरामपुर मुख्यालय जाने के लिए काम चलाऊ पुल का सहारा लेना पड़ता है।यहां से बलरामपुर की दूरी महज 10 किलोमीटर रह जाती है। उजारपुरवा गांव निवासी छेदी,नंदलाल,दु:खी,धनीराम,हीरा,चेतराम आदि ने बताया कि ग्रामीणों को रोजी रोटी के लिए प्रतिदिन बलरामपुर मुख्यालय जाना होता है। कारण यहां से बलरामपुर की दूरी महज 10 किलोमीटर होती है।तथा गोंडा की दूरी 35 किलोमीटर पड़ती है। बरसात के दिनों में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।कुआंनों नदी के उफान आने के बाद जुगाड़ का पुल पानी में डूब जाता है।तथा आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता है।बस एक नाव का सहारा रह जाता है।ग्रामीणों का आरोप है, कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि आते हैं।पुल बनवाने का वादा करते हैं। कई बार सांसद व विधायक इस पुल के निर्माण की बात कर चुके हैं। लेकिन वोट लेने के बाद कोई लौटकर नहीं आता है।
*आखिर कौन सुनेगा इन ग्रामीणों का दर्द*
ब्लॉक क्षेत्र के उत्तरी छोर पर कुआंनों नदी के किनारे दर्जनों गांव बसे हैं।इसमें पूरे मुसद्दी, विजय गढ़वा, हिंदू नगर खास, बसालतपुर, पृथ्वीपाल ग्रिंट,मध्य नगर, बरेली विश्रामपुर आदि गांव के दर्जनों ग्रामीणों को आवागमन संकट से जूझना पड़ रहा है। इस पुल से ग्रामीण पैदल, साइकिल व मोटरसाइकिल आदि से आवागमन कर लेते हैं। परंतु उन्हें चार पहिया वाहन से आवागमन के लिए दूर दराज के रास्तों से सफर तय करने को विवश होना पड़ता है। इस मार्ग से आवागमन करने पर नागरिकों को बलरामपुर जनपद मुख्यालय जाने में आसानी होती है।