क्राइम

हरे पेड़ों पर चल रही आरी, अफसरों के सामने नियमों की लाचारी

ठेकेदार ने सागौन के सैकड़ों पेड़ों को किया धराशाई, विभाग मौन

 

इटियाथोक,गोंडा। चंद रुपये खर्च कीजिए और बेझिझक होकर हरे पेड़ों पर आरा चलाइए। जी हां, यह कोई फसाना नहीं, बल्कि हकीकत है। वन विभाग द्वारा बनाए गए लचर नियमों की वजह से वन माफियाओं की पौ बारह है। पेड़ों की कटाई के दौरान पकड़े जाने पर जुर्माने के रूप में मामूली रकम जमाकर पेड़ों की कटाई करने वाले ठेकेदारों को फुर्सत मिल जाती है। जिससे पर्यावरण संरक्षण के चलाए जा रहे सभी अभियानों को चूना लग रहा है। हरे पेड़ों की कटाई के लिए ठेकेदार वन अधिकारियों की सरपरस्ती और लचर नियमों का फायदा उठा रहे हैं। जानकारों की मानें तो एक हरे आम के पेड़ की कटान करने पर ठेकेदार को 6000/ रुपये, सागौन पर 6000/ रुपये तक जुर्माना अदा करना पड़ता है। जुर्माने की रसीद हाथ में आते ही पुलिस का भय समाप्त हो जाता है।इसी क्रम में रविवार को जिले के रुपईडीह ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत केवल पुर गांव में एक ठेकेदार ने सागौन के सैकड़ो हरे-भरे पेड़ों को धराशाई कर दिया।फिलहाल, वन विभाग के अधिकारियों ने संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की बात तो कही है। लेकिन कुछ भी हो, इन नियमों में बदलाव के बिना पर्यावरण संरक्षण की बात करना सपने देखने के बराबर है।

*क्या है नियम*

हरे पेड़ों की कटान के लिए सबसे पहले वन विभाग में अर्जी लगाई जाती है। उसके बाद अधिकारी जांच कर रिपोर्ट लगाते हैं कि यह पेड़ पुराना हो गया है या फल देने योग्य नहीं है और फिर पेड़ों की कटाई के लिए परमीशन जारी होती है।

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