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शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु

पूर्ण आहुति के बाद विशाल भंडारा का आयोजन

 

इटियाथोक,गोंडा। क्षेत्र के महादेव कला (जयप्रभा ग्राम) स्थित चतुर्भुज मंदिर प्रांगण में चल रही श्री शिव महापुराण अमृत कथा के अंतिम दिन गुरुवार को कथा व्यास डॉ रामविलास वेदांती ने शिव-पार्वती विवाह का मनमोहक प्रसंग सुनाया।जिसे सुन कर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।कथा व्यास ने शिव विवाह का वर्णन करते हुए कहा,कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं।बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उसकी शादी की चिंता सताने लगी।कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं।एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया।उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए, लेकिन माता पार्वती ने खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार किया।कथा व्यास ने विवाह प्रसंग के दौरान सुंदर भजनों की प्रस्तुति भी दी।कथा के उपरांत डॉ रामविलास वेदांती ने मन्दिर के प्रवेश द्वार के निर्माण का शिलान्यास किया।पूर्णाहुति के बाद विशाल भंडारा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संयोजक पीठाधीश्वर संत राघवेश दास वेदांती,भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री वैभव सिंह, गुड्डू सिंह, राम कृपाल शुक्ल आदि मौजूद रहे।

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