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विद्यालय गेट पर लटका रहा ताला, खड़े रहे बच्चे
खंड शिक्षा अधिकारी उपेंद्र त्रिपाठी को पूरे मामले से अवगत कराया गया

इटियाथोक,गोंडा। परिषदीय विद्यालयों के खुलने व बंद होने का कोई समय नहीं है।शिक्षक अपनी मर्जी से स्कूल आते हैं तथा जाते हैं। सोमवार को भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। सुबह करीब नौ बजे तक प्राथमिक विद्यालय नहीं खुला था। बच्चे स्कूल के गेट पर खड़े होकर शिक्षकों का इंतजार कर रहे थे। उनका कहना था कि आए दिन स्कूल देर से खुलता है।वहीं अभिभावकों का कहना है कि विभागीय अधिकारी भी इसके प्रति गंभीर नहीं है। परिषदीय विद्यालयों में बहुत सी अनियमिताएं हैं। खास बात तो यह है कि अधिकतर स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता शून्य के बराबर है। यही कारण है कि अभिभावक बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने पर मजबूर हैं। शिक्षकों की लापरवाही के कारण स्कूल न तो समय से खुलते हैं और न ही बंद होते हैं। सोमवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया है। इटियाथोक ब्लाक के गोसेंद्रपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय सुबह नौ बजे तक नहीं खुला था।बच्चे स्कूल के गेट पर चढ़कर स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे थे।शिक्षामित्र बैद्यनाथ मौर्य ने बताया कि स्कूल में 143 छात्रों को तीन शिक्षकों का स्टाफ पढ़ाता है। जिनमें एक शिक्षामित्र शामिल हैं।इस बारे में अभिभावकों से बात की गई तो उन्होंने अपना नाम न छापने की शर्त पर रोजाना ही स्कूल समय से नहीं खुलने का आरोप लगाया। खंड शिक्षा अधिकारी उपेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि मामले को दिखवा रहे हैं।
