राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत, स्कूली बच्चों के सेहत की जांच
चिकित्सकों की टीम ने नौनिहालों के सेहत की जांच की
इटियाथोक,गोंडा।राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम 18 साल तक के बच्चों और किशोर के लिए वरदान साबित हो रहा है। इन बच्चों की जन्मजात विकृति दूर करने के लिए इस योजना के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज हो रहा है। इटियाथोक विकासखंड के वेदपुर माफी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में सोमवार को स्वास्थ्य टीम में मौजूद डॉक्टर दीक्षा सिंह व एएनएम शैलबाला ने बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।यहां की प्रधानाध्यापक ममता पांडेय ने बताया,कि करीब 45 बच्चों की जांच हुई जिसमे कक्षा एक से पांच तक के सभी बच्चे शामिल रहे।इस दौरान स्कूल में तैनात शिक्षक फिरोज अहमद खान भी उपस्थित रहे।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर सुनील कुमार पासवान ने बताया कि यह टीम एक चलंत जांच टीम है, जो अलग अलग स्कूलों में शेड्यूल के मुताबिक पहुंचकर बच्चों के सेहत की जांच करती है। टीम द्वारा बच्चों की लंबाई और वजन को मापा जाता है। साथ ही त्वचा रोग, जन्मजात विकृति, मानसिक या शारीरिक दिव्यांगता, दांत, नाक, कान, आंख, मुंह आदि से संबंधित बीमारियों की जांच इसमें शामिल है। अधीक्षक ने बताया कि किसी बीमारी की आशंका या उसकी पुष्टि होने पर बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा जिला अस्पताल भेजा जाता है।