विनम्रता और सीखने की ललक बनाएगी एक सफल अधिवक्ता
युवा अधिवक्ता विधि के क्षेत्र को अपने कैरियर के रूप में चुनता है तब वह जीवन भर सीखते रहने की मानसिकता के साथ ही इस क्षेत्र में आता
विनम्रता और सीखने की ललक बनाएगी एक सफल अधिवक्ता
गोंडा। व्यवहार में विनम्रता और जीवनपर्यंत सीखने की ललक किसी भी युवा अधिवक्ता की सफलता के लिए आधार स्तंभ हैं। अपने वरिष्ठों और न्यायपालिका का सम्मान करते हुए जो अधिवक्ता बिना किसी झिझक के नयी चीजें सीखते रहते हैं वे ही एक सफल अधिवक्ता के रूप में समाज में स्थापित हो सकते हैं। यह बातें अधिवक्ता परिषद गोंडा द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ के अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता अमरनाथ मिश्रा ने कही।
संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन व मां भारती को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुआ। संरक्षक घनश्याम पांडेय ने सभी अथितियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि जिला जज प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने संबोधित करते हुए कहा कि जब कोई युवा अधिवक्ता विधि के क्षेत्र को अपने कैरियर के रूप में चुनता है तब वह जीवन भर सीखते रहने की मानसिकता के साथ ही इस क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि युवा अधिवक्ताओं को अपने सीनियर्स और बेंच का सम्मान करना चाहिए और सीनियर्स को भी चाहिए कि वे युवा अधिवक्ताओं का उचित मार्गदर्शन करते रहें। संगोष्ठी में अपर जिला जज डा. दीनानाथ, डा. अनामिका चौहान, मो. नियाज अहमद अंसारी, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, महामंत्री चंद्रमणि तिवारी, सिविल बार के अध्यक्ष संगमलाल द्विवेदी, केके श्रीवास्तव, केके मिश्रा व शासकीय अधिवक्ता बसंत शुक्ला ने भी अपने विचार रखे। संचालन महामंत्री धनलाल तिवारी ने किया। अतिथियों का धन्यवाद जिला अध्यक्ष व प्रांतीय उपाध्यक्ष अरविंद ने किया। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारी राजेश नरायन मणि त्रिपाठी, केपी सिंह, नितिन श्रीवास्तव, सर्वजीत सिंह व पूर्व महामंत्री रितेश यादव, श्रीमान सिंह, राजेश ओझा, जितेंद्र शुक्ला, भगौती पांडे, विनय कुमार सिंह, ओम प्रकाश शुक्ला सहित सैकड़ों अधिवक्ता उपस्थित रहे।