विकास खण्डों में लगने वाले रोजगार मेले हो रहे फ्लाप,नही दी जा रही लोगो को जानकारी
ग्राम प्रधान,सिकरेटरी,सफाईकर्मी,रोजगार सेवक ने गांवों में नही दी रोजगार मेले की जानकारी
विकास खण्डों में लगने वाले रोजगार मेले हो रहे फ्लाप,नही दी जा रही लोगो को जानकारी
गोण्डा। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के लोकप्रिय योजनाओं में से एक है रोजगार मेले के माध्यम से युवकों को रोजगार देना।
अधिक से अधिक बेरोजगारों को रोजगार मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा अब विकासखंड स्तर पर रोजगार मेले का आयोजन किया गया है इसके बावजूद यह रोजगार मेला फ्लाप ही रहता है। इन रोजगार मेलों को कर्मचारियों द्वारा फ्लाप किया जा रहा है।जिससे मजबूरी में अपनी नौकरी बचाने वह उपस्थिति जताने को लेकर मेले में मौजूद कर्मचारियों द्वारा फर्जी पंजीकरण करके शासन प्रशासन को सूचित किया जाता है। इसका ताजा उदाहरण गोंडा मुख्यालय के विकासखंड पंडरी कृपाल में शनिवार को लगाए गए रोजगार मेंले में देखा गया है। हजारों रुपए खर्च कर प्रशासन द्वारा पंडाल मंच कुर्सी की व्यवस्था की गई, और इन रोजगार मेले में बेरोजगारों को सूचित करने की जिम्मेदारी गांव के प्रधान, सचिव, सफाई कर्मी व रोजगार सेवकों के कंधे पर थी। जिसके लिए बाकायदा प्रशासन व विभाग द्वारा पंपलेट,हैंडबिल भी छपाये गए थे, ताकि लोगों को मेले की विस्तृत जानकारी हो सके। लेकिन ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव ,रोजगार सेवक व सफाई कर्मी द्वारा किसी भी गांव में कोई जानकारी नहीं दी गई,जिसका परिणाम यह रहा,की संख्या दिखाने के लिए श्री गांधी विद्यालय रेलवे इंटर कॉलेज में स्थित कौशल विकास में प्रशिक्षण ले रहे बच्चों और नारी ज्ञानस्थली की कुछ छात्राओं को इस रोजगार मेंले में लाकर भीड़ बढ़ा ली गई और उन्हें के नाम को पंजीकृत किया गया। मजे की बात तो यह है कि जिस ग्राम सभा खैरा में विकासखंड पंडरी कृपाल बना हुआ है उक्त ग्राम सभा के बेरोजगारों को भी इसकी जानकारी नहीं हो पाई। यदि इस ग्राम सभा के लोगों को व आसपास के लोगों को ही जानकारी हो जाती तो यह संख्या हजारों में पहुंच जाती। लेकिन जानकारी न होने के अभाव में यह रोजगार मेला पूरी तरह से फ्लाप रहा, केवल खाना पूर्ति कर, स्कूलों से आए बच्चों का नाम पंजीकरण कर शासन प्रशासन को भेजा जाएगा। इस संबंध में जब विकासखंड के एडीओ आईएसबी सत्य व्रत श्रीवास्तव से बात की गई तो सत्य व्रत श्रीवास्तव ने बताया इस मेले के प्रचार प्रसार के लिए ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, सफाई कर्मचारी व रोजगार सेवक को जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन इन कर्मियों द्वारा अपने जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया गया। जिसके कारण मेला फ्लॉप रहा।