Uncategorised

श्रीकृष्ण-सुदामा का प्रसंग सुना पढ़ाया मित्रता का पाठ

मित्रता के आदर्श श्रीकृष्ण-सुदामा : आचार्य विनोद

 

इटियाथोक,गोंडा। कस्बे में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कथा व्यास पीठाधीश्वर आचार्य विनोद ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया।उन्होंने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया,कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा जी से समझा जा सकता है।कहा, कि “द्वारिका जाने को तैयार सुदामा ने चावल की पोटली बांधती पत्नी से कहा।चार मुट्ठी चावल? यह भला कैसा उपहार हुआ सुशीला? माना कि हम दरिद्र हैं, पर वे तो नरेश हैं न, नरेश के लिए भला चावल कौन ले जाता है?”उपहार का सम्बंध प्राप्तकर्ता की दशा से अधिक दाता की भावनाओं से होता है प्रभु! और एक भिक्षुक ब्राह्मण के घर के चार मुट्ठी चावल का मूल्य श्रीकृष्ण न समझेंगे तो कौन समझेगा? आप निश्चिन्त होकर जाइये।सुशीला उस ब्राह्मण कुल की लक्ष्मी थीं, जो अपने आंचल में परिवार का सम्मान बांध कर चलने वाली देवी।वह अडिग थीं।सुदामा की झिझक समाप्त नहीं हो रही थी।बोले, “किंतु वे नरेश हैं सुशीला! हमें उनकी पद-प्रतिष्ठा का ध्यान तो रखना ही होगा न! तुम यह सब छोड़ दो, मैं यूं ही चला जाऊंगा।

आखिरकार सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र कृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे।सुदामा ने द्वारकाधीश के महल का पता पूछा और उसी ओर बढ़ने लगे लेकिन द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया।तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं, इसपर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है।अपना नाम सुदामा बता रहा है।जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे।सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया।सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया।दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए।कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया।उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया।जब भी भक्तों पर विपदा आई है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं।अंत में भागवत भगवान की आरती की गई और प्रसाद वितरण किया गया।

मुख्य यजमान गायत्री देवी, नवल किशोर सोनी, मेहनौन विधायक विनय कुमार द्विवेदी, सत्यव्रत ओझा, अजय राठौर,राजेश दूबे, बबलू जैन,दिनेश शुक्ल, जितेंद्र प्रकाश मौर्य पिंटू सोनी बजरंगी प्रसाद लक्ष्मण आदि मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}