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वर्षों से खाली पड़े नेत्र विभाग में लौटी फिर मरीजों की भीड़ जनवरी माह में नेत्र विशेषज्ञ के रूप में मिली डॉक्टर आयुषी सरदाना को तैनाती

प्रतिदिन 3,4 नेत्र ऑपरेशन किए जा रहे हैं-आयुषी सरदाना

प्रतिदिन 3,4 नेत्र ऑपरेशन किए जा रहे हैं-आयुषी सरदाना नेत्र विशेषज्ञ

वर्षों से खाली पड़े नेत्र विभाग में लौटी फिर मरीजों की भीड़

जनवरी माह में नेत्र विशेषज्ञ के रूप में मिली डॉक्टर आयुषी सरदाना को तैनाती

गोंडा।जिला चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज में प्रवर्तित किए जाने के पश्चात समस्त डॉक्टरों एवम कर्मचारियों के थोक के भाव हुए स्थानांतरण से जहां एक तरफ स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई थी, वही कई डॉक्टरों और कर्मचारियों ने स्थानांतरित स्थानों पर कार्यभार ग्रहण न कर अपना इस्तीफा शासन को सौंप दिया था। ऐसे हालात में मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में नए डॉक्टरों की तैनाती पर भी ग्रहण लगा हुआ था। जनपद मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय का नेत्र विभाग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। जहां वर्षों तक किसी विशेषज्ञ की तैनाती नही होने के कारण नेत्र विभाग का विजन टेस्ट कार्य छोड़ कर, अन्य कार्यों जैसे ओपीडी, ऑपरेशन, पुलिस मेडिको लीगल विकलांग जांच जैसे महत्वपूर्ण कार्य बुरी तरह प्रभावित थे। इसके लिए मरीजों को गैर जनपद के साथ ही मेडिकल कालेज लखनऊ तक के चक्कर लगाने पड़ रहे थे। लेकिन जनवरी माह से जबसे नेत्र विशेषज्ञ के रूप में डॉक्टर आयुषी सरदाना को तैनाती मिली है एक बार फिर से इस विभाग में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी है।

रोजाना 150,से 200 मरीजों की हो रही ओपीडी

नेत्र विभाग में डॉक्टर की तैनाती से जिले के ही नही वरन मंडल से भी मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। मरीजों की भीड़ का यह आलम है कि प्रतिदिन 150 से 200 मरीज अपना नेत्र परीक्षण कराने चिकित्सालय पहुंच रहे हैं। इनमे से जो भी मरीज जांच के उपरांत ऑपरेशन के लिए पाए जाते हैं उनका ऑपरेशन भी किया जा रहा है।

प्रतिदिन 3 से 4 मरीजों का किया जा रहा ऑपरेशन

नेत्र विभाग में विशेषज्ञ के रूप में तैनात डॉक्टर आयुषी सरदाना ने भेंटवार्ता के दौरान बताया कि उनके द्वारा प्रतिदिन ओपीडी में मरीजों को देखा जा रहा है। भीड़ अधिक होने एवम अकेले कार्य करने के कारण प्रतिदिन 150 से 200 के लगभग मरीजों को देखा जा रहा है। इनमे जो मरीज ऑपरेशन के लायक होते है ,उनका ऑपरेशन भी किया जा रहा है। ओपीडी के कारण समय अभाव के चलते अभी प्रतिदिन 3 से 4 ऑपरेशन ही किए जा रहे है। राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत समस्त सुविधाएं मरीजों के लिए निशुल्क हैं जिसका लाभ मरीजों को दिया जा रहा है।

मरीजों के चेहरों पर लौटी मुस्कान

नेत्र विभाग की ओपीडी के चालू होने से जहां मरीजों को भारी राहत महसूस हो रही है, वही इलाज के लिए उन्हें अब अन्य जगहों पर भटकने से राहत मिल गई है। गोंडा के मेवतियां मोहल्ले से आए मरीज बशीर अहमद ने बताया कि उन्हें अपनी आंख के ऑपरेशन के लिए अयोध्या जाना पड़ा लेकिन आज आंखों की जांच के लिए डॉक्टर उपलब्ध हैं।
हलधार मऊ ब्लॉक के भोका पसका से आए हबीब अली ने बताया कि दो माह पहले वह आए थे तब डॉक्टर नही थे उनकी आंख से पानी गिरता रहता है।आज वे डॉक्टर को दिखा कर बहुत खुश नजर आए। दर्जी कुआं से आई गीता ने बताया की वह पहली बार आंख दिखाने आई हैं ,उन्हें धुंधला दिखाई पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व वह इसलिए नही आई क्योंकि उन्हें ये जानकारी थी की चिकित्सालय में डॉक्टर नही हैं।

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