सामुदायिक शौचालय में लगा ताला,कैसे मिलेगी खुले में शौच से मुक्ति
ब्लॉक क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों में स्थापित किए गए सामुदायिक शौचालय ग्रामीणों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहे
इटियाथोक,गोंडा।’स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार की कल्याणकारी योजना के तहत गांवों में बनाए गए सामुदायिक शौचालय केवल शोपीस बनकर रह गए हैं।ताला बंद रहने से ग्रामीण खुले में शौच जाने के लिए विवश हो रहे हैं।जबकि, शौचालय की देख-रेख और साफ-सफाई के लिए ग्राम पंचायतें प्रतिमाह भारी भरकम सरकारी धन भी खर्च कर रही हैं।धन की बंदरबाट से स्वच्छ भारत मिशन को झटका लग रहा है,लेकिन स्थानीय प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।जिले के इटियाथोक विकासखंड में कुल 85 ग्राम पंचायतें हैं और इन सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों की स्थापना भी करा दी गई है,लेकिन गजाधर पुर और सिंघवा पुर के ग्राम पंचायतों में स्थापित किए गए यह सामुदायिक शौचालय ग्रामीणों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहे हैं।दरअसल, में इन शौचालयों पर अक्सर ताला ही पड़ा रहता है।जबकि सामुदायिक शौचालय की देख-रेख और साफ-सफाई के लिए ग्राम पंचायतों की ओर से प्रतिमाह लगभग नौ हजार रुपए की धनराशि खर्च की जाती है।इस संबंध में सहायक विकास अधिकारी पंचायत परमात्मा दीन का कहना है कि शासन ने इन शौचालयों के खुलने और बंद होने का समय तय कर दिया है कि सुबह कितने बजे से लेकर कितने बजे तक खुलेंगे और शाम को इनका क्या समय है।बावजूद इसके कुछ जगहों पर ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि वहां शौचालय खुल नहीं रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जहां से शिकायत मिली है वहां के सचिव को नोटिस जारी कर रहे हैं।