मनरेगा योजना में खेल :कागजों पर 16 मजदूर,मौके पर दो, जवाब देने से कतरा रहे अधिकारी
मनरेगा के नाम पर मची लूट, जिम्मेदार ही योजना को लगा रहे पलीता
गोंडा।विकासखंड की ग्राम पंचायत बिनोहुनी में विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन का खुला खेला सामने आया है।केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के अंतर्गत लाखों रुपए खर्च किए जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल विपरीत है।शुक्रवार की सुबह 8:04 बजे मौके पर पहुंचकर वास्तविकता का जायजा लिया गया,जहां कथित रूप से चल रहे निबिहवा तालाब के साफ सफाई और मिट्टी खुदाई कार्य के स्थान पर दो मजदूर मौजूद रहे।हालांकि, रोजगार सेवक उमानाथ विश्वकर्मा ने फोन पर बताया कि मौके पर सात मजदूर कार्य कर रहे हैं, लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि कागजों में कितने मजदूरों की हाजिरी लगाई जा रही है,तो उन्होंने सिस्टम का हवाला देते हुए बताया कि कुल सोलह मजदूरों की हाजिरी लगाई जा रही है।रोजगार सेवक उमानाथ यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि गांव की कुछ ऐसी महिलाओं की हाजिरी भी लगाई जा रही है जो अपने घर से कभी बाहर नहीं निकलती हैं।उन्होंने कहा कि आपसे फोन पर ज्यादा बात नहीं करेंगे बाद में आ करके आपसे मिलते हैं।वहीं गांव के राम दवन, बृजेश कुमार, पवन कुमार, संदीप आदि ग्रामीणों ने जिम्मेदारों पर योजना को पलीता लगाने का आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की है।
*जिम्मेदार के बोल*
इस संदर्भ में खंड विकास अधिकारी अभय सिंह से फोन पर पूछा गया तो उन्होंने मामले को लेकर अनभिज्ञता जताते हुए जांच कराने की बात कही है।