प्रसूता की मौत पर परिजनों ने काटा हंगामा,परिजनों ने डाक्टर पर लापरवाही का लगाया आरोप
पोस्टमार्टम में जांच में दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी-शालू महेश सीएमएस

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गोण्डा।जिला महिला अस्पताल गोण्डा अपने कारनामों को लेकर आए दिन सुर्खियों में रहता है। बुधवार को ऑपरेशन के बाद एक प्रसूता की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने जो आरोप लगाया है। उससे स्वास्थ्य व्यवस्था की पूरी पोल खुल जाती है
जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन के बाद एक प्रसूता की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि जब मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी डॉक्टर को बुलाने गए। तो वह काफी समय तक टालती रही। उसके बाद दूसरे डॉक्टर के पास भेज दिया गया। वहां जब हम गए तो वह टालमटोल करने के बाद आई और फिर वह ऑफिस में जाकर रिफर बनाने लगी। तब तक महिला की मौत हो गई। जिले के देहात कोतवाली के गांव केशवपुर पहाड़वा निवासी राहुल गिरी ने प्रसव पीड़ा होने पर अपनी पत्नी नंदनी 32 वर्ष को जिला महिला अस्पताल में मंगलवार को भर्ती कराया। आरोप है कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने के लिए 5 हजार रुपए लिए और ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन करने के बाद महिला को वार्ड में भेज दिया गया। बुधवार को दोपहर बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी। तेज बुखार के साथ वह कांप रही थी। परिजन दौड़ के डॉक्टर के पास गए पूरी बात बताई। घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे अजय और अरविंद गिरी ने बताया कि जब जब हम लोग डॉक्टर को बुलाने गए। तो वह लोग तत्काल उपचार करने के बजाए रिफर करने के चक्कर में कागज बनाने लगे। जब डॉक्टर से कहां गया। यदि कोई व्यवस्था हो तो पहले इसका हार्ट बीट कंट्रोल किया जाए। डॉक्टरों ने स्पष्ट जवाब दे दिया। यहां कोई नहीं व्यवस्था है। मृतका के जेठ ने बताया कि यहां कोई डॉक्टर द्विवेदी है। जिन्होंने मंगलवार को ऑपरेशन किया था। आज बहुत तेज बुखार आया। हम लोग डॉक्टर को बुलाने गए। वहां डॉक्टर संगीता बैठी थी। तीन बार बुलाने के बाद चौथी बार वह आई, और कहा कि ठंडे पानी से इसका सर धो दीजिए। अभी कुछ देर में ठीक हो जाएगा। जब कोई आराम नहीं हुआ तो हम लोग फिर उनके पास गए। उन्होंने कहा कि जाकर डॉक्टर को बुला कर लाइए। डॉक्टर रेशमा आई और देख कर चली गई। अंदर बैठकर रिफर बनाने लगी। एक कोई और डॉक्टर आए आरोप है कि सीएमएस भी आई। हम लोगों ने कहा कोई दिक्कत हो तो रेफर कर दीजिए। उस समय कहा गया कि अभी ठीक हो जाएंगी। उसके बाद कुछ ही क्षणों में मौत हो गई। परिजनों ने कहा कि इसमें सबसे बड़ी लापरवाही डॉक्टर संगीता और रेशमा की है।
प्रसूता की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। परिजन डॉक्टर की लापरवाही से प्रसूता के मौत का आरोप लगा रहे थे। उनका कहना था कि मेरे मरीज को समय से यदि रिफर ही कर दिया जाता। तो शायद उसकी जान बच जाती।सीएमएस शालू महेश ने बताया शव का पोस्टमार्टम के लिये कहा गया जिससे मृत्यु के कारण का पता चल सके,जांच में दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी।
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