पुलिस कर्मियों पर डकैती का मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिवक्ता की दुर्घटना में हुई मौत
मृतक के भाई ने हत्या कराने की जताई आशंका

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गोण्डा। कोतवाल सुधीर सिंह समेत सात पुलिसकर्मियों के विरुद्ध डकैती व अन्य मामले में विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिवक्ता की बाइक से आते समय गोंडा-लखनऊ राजमार्ग पर बाराबंकी के मसौली के बिंदौरा नहर पुल पर संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गयी। मिली जानकारी के मुताबिक वह अपनी बाइक से लखनऊ से गोंडा आ रहे थे तभी रास्ते में किसी अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में ठोकर मार दी जिससे उनकी मौत हो गई। परिजन जब तक मौके पर पहुंचते तब तक पुलिस आनन फानन में शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज चुकी थी। मृतक अधिवक्ता के परिजनों ने उक्त हादसे को साजिश करार देकर इस पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से किए जाने की बात कही है।
कर्नलगंज कोतवाली क्षेत्र के कैथोली गांव के रहने वाले अधिवक्ता जयप्रकाश उम्र करीब 30 वर्ष लखनऊ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। किसी काम से अपनी बाइक से लखनऊ से अपने गांव आ रहे थे। वह बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र के बिंदौरा नहर पुल पर पहुंचे ही थे कि पीछे से किसी अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में ठोकर मार दी। वाहन की ठोकर से जयप्रकाश बाइक से उछलकर सड़क पर जा गिरे और वाहन उनके सिर को कुचलते हुए निकल गया। इस हादसे में जयप्रकाश की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी। हादसे की सूचना पर पहुंची मसौली थाने की पुलिस ने परिजनों को सूचना दी। परिजन जब मौके पर पहुंचे तो पुलिस आनन फानन में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज चुकी थी। वहीं मृतक के भाई पहलवान यादव ने रंजिश के तहत इस हादसे को अंजाम देने की आशंका जताई है।
मृतक के परिजनों के गले नहीं उतर रही सड़क हादसे की कहानी।
कोतवाल समेत सात पुलिस कर्मियों के विरुद्ध डकैती की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले अधिवक्ता जय प्रकाश के सड़क हादसे में मौत की कहानी परिजनों के गले नहीं उतर रही है। आरोप है कि जानबूझकर इस वारदात को अंजाम दिया गया है और मामले को दबाने के लिए इसे हादसा बताया जा रहा है। मृतक अधिवक्ता जयप्रकाश के भाई पहलवान ने बताया कि मृतक जयप्रकाश ने कर्नलगंज कोतवाल सुधीर सिंह समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ बीते 26 मई को ही डकैती का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस उनके भाई से रंजिश रख रही थी। ऐसे में आशंका है कि कहीं रंजिश के तहत तो इस हादसे को अंजाम नहीं दिया गया है। पहलवान का कहना है कि पुलिस जिस तरह से हादसे की कहानी बता रही है वह गले से नीचे नहीं उतर रही है। उन्होने इस पूरे मामले की उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की बात कही है।