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द्रोपदी चीरहरण का प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए भावुक
भगवान अपने भक्तों की रक्षा उसी प्रकार करते हैं,जैसे एक मां अपने संतान की करती है, साध्वी अंजली
इटियाथोक। क्षेत्र के ग्राम पंचायत पारा सराय स्थित चतुर्भुज मंदिर में आयोजित रुद्र महायज्ञ एवं संगीतमय कथा के दसवें दिन कथा प्रवाचिका साध्वी अंजली शास्त्री ने द्रोपदी चीर हरण का भावुक प्रसंग सुनाया।साध्वी अंजली ने बताया कि भगवान अपने भक्तों की रक्षा उसी प्रकार करते हैं,जैसे एक मां अपने संतान की करती है।
* “करहु सदा तिनकी रखवारी”।
“जिम बालक् रखे महतारी “।।*

उन्होंने कहा,कि द्रोपदी की करूणा भरी पुकार उनके पांच पति भी नही सुने,भीष्म पितामह, गुरु द्रोण भी लाज नही बचा पाये,भक्त की पुकार केवल भगवान ही सुन सकता है,जैसे द्रोपदी की लाज भगवान श्री कृष्णा ने बचाया। जो भी प्राणी भगवान को पूर्ण रूप से समर्पित होकर पुकारता है तो भक्त वत्सल भगवान नंगे पांव दौड़ कर चले आते है।डॉ करुणा पति त्रिपाठी,ओम कुमार शुक्ल, संजय त्रिपाठी,धीरेंद्र मिश्र,ओपी शुक्ल,संजय तिवारी, रघु नंदन तिवारी, अभिमन्यु शुक्ल, अनुराग त्रिपाठी, धर्मेंद्र त्रिपाठी,अशोक तिवारी मौजूद रहे।