पुरुष कर्मियों को आवासीय कस्तूरबा गांधी विद्यालय से निकालने के फरमान पर भड़के शिक्षक
पुरुषों को बाहर का रास्ता दिखाने का शासनादेश जारी

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पुरुष कर्मियों को आवासीय कस्तूरबा गांधी विद्यालय से निकालने के फरमान पर भड़के शिक्ष
गोण्डा।आज जिले भर के आवासीय कस्तूरबा गांधी विद्यालय के शिक्षक शिक्षिका व अन्य स्टॉफ बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पहुंचकर धरना देकर प्रदर्शन किया और एक ज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया, इसके पूर्व प्रदर्शनकारी जिलाधिकारी गोंडा को भी ज्ञापन दिए ।कर्मियों का कहना था की आवासीय विद्यालयों से पुरुषकर्मियों को निकाला जा रहा है और उनके नवीनीकरण में रोक लगाने के लिए निर्देश शासन द्वारा जिले को दिया गया है कर्मियों का कहना था कि अब हम लोग इस उम्र में कहां जाएं हम तो भीख मांगने लायक हो जाएंगे,हमें कहां रोजी रोटी मिलेगा 12-15 साल से हम लोग कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में कार्यरत हैं। लेकिन अब लिंग भेद करके पुरुष कर्मियों को बाहर किया जा रहा है।कस्तूरबा गांधी की शिक्षक आशा पांडेय ने बताया की सरकार एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है वहीं दूसरी तरफ सबका साथ सबका विकास का नारा दे रही है ऐसे में अब कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से पुरुषों को निकाला क्यों जा रहा है।इन कर्मियों की मांग है कि पुरुष के रहने से अगर रात में कोई किसी बच्चे की तबीयत खराब हो जाए तो महिला अकेले नहीं जा सकती है पुरुष हीआगे रहता है ऐसे में पुरुषों को विद्यालयों से न निकाला जाए जिससे उनकी रोजी-रोटी और परिवार चलता रहे। बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया की आवासिये कस्तूरबा गांधी विद्यालय के शिक्षकों द्वारा एक ज्ञापन दिया गया है जिसे शासन को भेजा जाएगा बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि जैसा निर्देश शासन से आया है तो उसका पालन तो कराया जाएगा।