देश

नहर में पहुंचा पानी,अभी सूखे हैं माइनर,कैसे हो सिंचाई

सरकार की इस परियोजना को विभागीय अधिकारी लगा रहे चुना

 

गोंडा।सरकार की एक ऐसी परियोजना जिसे पूरा होने में चार दशक से भी अधिक का समय लगा और जब परियोजना पूरी हुई तो धरातल पर इसका किसानों को सही मायने में लाभ ही नहीं मिल पा रहा है। यानि जिस सोच के साथ इस योजना की शुरुआत हुई वह जमीन पर उतरते-उतरते बदहाल हो गई।मई के महीने में गर्मी अपने चरम पर है।इस समय फसलों को पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है।सिंचाई के लिए किसान परेशान हैं।सरकारी सिंचाई योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है।सिर्फ निजी संसाधनों पर वे निर्भर हैं।

 

इटियाथोक ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत सरयू नहर खंड-दो व खंड-चार में पानी तो पहुंच गया है, लेकिन माइनर और रजवाहे तक पानी पहुंचाना अभी चुनौती पूर्ण बना हुआ है।किसान समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनकी फसलों पर अधिक लागत आ रही है। परेशान किसानों को सरकारी योजनाओं की जरूरत दिख रही हैं,

 

 

लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा। सरकारी सिंचाई व्यवस्था सिर्फ छलावा साबित हो रही है। इन दिनों गन्ने की फसल को पानी की जरूरत है। किसान निजी संसाधनों से सिंचाई कर रहे हैं। डीजल महंगा होने के कारण सिंचाई भी महंगी हो गई है।हालांकि,दो दिवस पहले नहर में पानी छोड़ा जा चुका है, लेकिन माइनरों और रजवाहे में पानी नहीं पहुंचा है। अधिकांश माइनर सूखे ही पड़े हैं।किसानों की मांग की ओर विभाग का कोई ध्यान नहीं है। इस ओर जिम्मेदारों को गंभीरता दिखाने की जरूरत है।क्षेत्र के किसान शुक्ला प्रसाद शुक्ला का कहना है,कि लंबे समय से माइनर सूखा पड़ा है। पानी आए तो फसलों की सिंचाई हो सकेगी।अभी तो सिर्फ निजी संसाधनों से सिंचाई हो रही है। इस संदर्भ में विभाग के एसडीओ ओम प्रकाश का कहना है,कि माइनर में पानी पहुंचने में अभी दो से तीन दिन लग सकते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}