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खेतों से लेकर सड़क तक मुसीबत बने छुट्टा जानवर, जिम्मेदार उदासीन

आवारा जानवरों के हमलों में खत्म हो रही हैं बेगुनाहों की जिंदगी

इटियाथोक,गोंडा। आवारा पशुओं की वजह से फसलों और अन्य चीजों की बर्बादी को लेकर पिछले कई सालों से लगातार शिकायतें आती रही हैं।वहीं दूसरी ओर इन छुट्टा जानवरों के हमलों में लोगों की जान जाने की घटनाएं भी गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं।

*क्षेत्र में आए दिन हो रही आवारा पशुओं के हमले की घटनाएं*

जिले के इटियाथोक विकास खंड में इस तरह की घटना कोई नई नहीं है। मगर अब तक ऐसा कोई प्रभावी कदम नजर नहीं आता, जो ऐसी घटनाओं को रोक सके। लगता है कि इस गहराती समस्या पर काबू पाने के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से ऐसे उपायों को लेकर गहरी उदासीनता छाई हुई है।

*वाहनों से जानवरों के टकराने के कारण भी हो रहे गंभीर हादसे*


आए दिन सड़क पर छुट्टा घूमते सांड़ या गाय जैसे पशुओं के अचानक किसी को टक्कर मार देने की वजह से लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे है। वाहनों से जानवरों के टकराने के कारण भी गंभीर हादसे होते हैं।हैरत की बात है कि अगर कोई व्यक्ति सड़क पर गलत जगह वाहन खड़ा कर दे या किसी नियम का उल्लंघन करे तो वाहन उठाने या जुर्माना वसूलने से लेकर संबंधित धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाती है और संबंधित महकमे सक्रिय रहते हैं। मगर किसी रास्ते से गुजरते हुए कहीं बीच सड़क पर बैठे या आते-जाते पशुओं को आम देखा जा सकता है और उन्हें हटाने वाला कोई नहीं होता।वाहन चालक या अन्य लोग अपने को बचाते हुए किसी तरह वहां से आगे निकलने की कोशिश करते हैं। कुछ लोग आवारा पशुओं को लेकर भावुक होते हैं, जो एक मानवीय गुण हो सकता है। मगर उससे पशुओं के स्वभाव में आई तब्दीली की जिम्मेदारी कोई नहीं उठाता। सड़क पर लावारिस गायों की देखभाल के लिए गौशालाओं की व्यवस्था एक हल है, लेकिन अब वह भी नाकाफी साबित हो रहा है। ब्लॉक क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में सड़कों पर बड़ी तादाद में घूमते पशु यही दर्शाते हैं कि इसे गंभीर समस्या के रूप में चिह्नित करना शायद बाकी है।

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