क्राइम

अंगूठा तो लगवा लिया लेकिन नही दिया राशन,ग्रमीणों के शिकायत पर हुआ एक्शन

दुकान शील,आवश्यक वस्तु अधिनियम का दर्ज होगा मुकदमा

 

गोंडा। करनैलगंज क्षेत्र के एक कोटेदार ने मार्च और अप्रैल माह में राशन का वितरण न करके ग्रामीणों से मशीन से अंगूठा लगवा लिया और मई माह में राशन का वितरण न कर पूरा राशन बाजार में बेच दिया। मामले में जांच करने गए दो पूर्ति निरीक्षकों की टीम को कोटेदार के राशन की दुकान में एक दाना अनाज नहीं मिला। ग्रामीणों के बयान में सामने आया कि बीते 2 माह का राशन भी कोटेदार द्वारा अंगूठा लगवाने के बाद नहीं दिया गया। मई महीने का राशन कोटेदार ने बेच दिया है। जिसके संबंध में जांच के बाद पूर्ति निरीक्षक ने कोतवाली में कोटेदार के विरुद्ध राशन का गबन कर लेने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की तहरीर दी है। पूर्ति निरीक्षक करनैलगंज बालेश्वर मणि त्रिपाठी ने बताया कि ग्राम भंभूआ के कोटेदार सिंपल सिंह की दुकान का दो बार औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें ग्रामीणों के बयान लिए गए। मौके पर कोटेदार फोन करने के बाद भी नहीं आया। ग्रामीणों के बयान से जानकारी हुई कि कोटेदार द्वारा अंत्योदय, पात्र गृहस्थी और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का राशन भी बाजार में बेच दिया गया है। जिस पर उसकी दुकान सील कर दी गई है। पूर्ति निरीक्षक ने बताया कि कोटेदार सिंपल सिंह द्वारा अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी की योजना के अधिकांश कार्ड धारकों को माह मार्च व अप्रैल में राशन उपलब्ध नहीं कराया गया ई पोस मशीन में अंगूठा लगवाने के उपरांत भी राशन नहीं दिया। मई माह में विक्रेता द्वारा किसी भी कार्डधारक को न तो खाद्यान्न का वितरण किया गया न ही उसके स्टॉक में कोई खाद्यान्न अवशेष है। ऐसी दशा में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का अवशेष राशन एवं पात्र गृहस्थी अंत्योदय कार्ड धारकों के उठान किए गए कुल राशन करीब 41 कुंतल गेहूं एवं 122 कुंतल चावल गोदाम में उपलब्ध होना चाहिए, जो नहीं मिला। जिसकी जांच रिपोर्ट उप जिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को भेजी गई। जिलाधिकारी ने कोटेदार के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। निर्देश के क्रम में पूर्ति निरीक्षक ने कोतवाली में कोटेदार सिंपल सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की तहरीर दी है। प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि पूर्ति विभाग की तरफ से तहरीर प्राप्त होने के बाद मुकदमा दर्ज कराकर मामले की जांच कराई जा रही है।

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