शिव महापुराण की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है, संत श्री नारायण दास
जीवन में व्यक्ति का प्रभाव का उसके कर्म से बढ़ता है, संत श्री नारायण दास
इटियाथोक,गोंडा। सिसई बहलोलपुर में चल रही श्री शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन कथावाचक संत श्री नारायण दास ने भगवान शिव की महिमा का व्याख्यान किया।उन्होंने पौराणिक पृथ्वी नाथ मंदिर सहित भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग के बारे में विस्तार से वर्णन किया।कथा व्यास ने कहा कि जो व्यक्ति सत्य का साथ देता है, उसका कल्याण अवश्य होता है, इसलिए जीवन में हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते रहना चाहिए। सत्य का मार्ग कभी नहीं छोड़ना और सदा सत्य बोलें।
भगवान शिव का नाम उच्चारण करने से सारे बंधनों से व्यक्ति दूर होकर व्यक्ति को सारे संसार का वैभव प्राप्त होता है।जीवन में व्यक्ति का प्रभाव का उसके कर्म से बढ़ता है इसलिए जीवन में अच्छे कर्म करें।जो व्यक्ति अभिमान करता है, वह नष्ट हो जाता है, अगर किसी व्यक्ति के पास धन-पद प्रतिष्ठा है तो उसका अभिमान कभी नहीं करना चाहिए। व्यक्ति कितने भी बड़े पद पर हो सरल स्वभाव से बात करना चाहिए।जीवन में दान पुण्य अवश्य करना चाहिए, जिनके घर में शाम को दिए लगते हैं वह भाग्यशाली होते हैं। जीवन में सनातन धर्म का झंडा हमेशा फहराते रहना चाहिए।प्रधान प्रतिनिधि सुरेंद्र तिवारी, चन्दन तिवारी, अंगद तिवारी,उमाशंकर तिवारी, शिवम तिवारी, मनमोहन तिवारी कमल कांत, विजय शंकर तिवारी संदीप तिवारी, कमलेश श्रीवास्तव सहित असंख्य भक्त मौजूद रहे।